श्री दशम ग्रंथ

पृष्ठ - 570


ਭਟ ਜੂਝ ਗਯੋ ਸੈ ਚਾਰ ॥੧੮੮॥
भट जूझ गयो सै चार ॥१८८॥

ਭੜਥੂਆ ਛੰਦ ॥
भड़थूआ छंद ॥

ਢਢਕੰਤ ਢੋਲੰ ॥
ढढकंत ढोलं ॥

ਬਬਕੰਤ ਬੋਲੰ ॥
बबकंत बोलं ॥

ਉਛਕੰਤ ਤਾਜੀ ॥
उछकंत ताजी ॥

ਗਜਕੰਤ ਗਾਜੀ ॥੧੮੯॥
गजकंत गाजी ॥१८९॥

ਛੁਟਕੰਤ ਤੀਰੰ ॥
छुटकंत तीरं ॥

ਬਬਕੰਤ ਬੀਰੰ ॥
बबकंत बीरं ॥

ਢਲਕੰਤ ਢਾਲੰ ॥
ढलकंत ढालं ॥

ਉਠਕੰਤ ਤਾਲੰ ॥੧੯੦॥
उठकंत तालं ॥१९०॥

ਖਿਮਕੰਤ ਖਗੰ ॥
खिमकंत खगं ॥

ਧਧਕੰਤ ਧਗੰ ॥
धधकंत धगं ॥

ਛੁਟਕੰਤ ਨਾਲੰ ॥
छुटकंत नालं ॥

ਉਠਕੰਤ ਜ੍ਵਾਲੰ ॥੧੯੧॥
उठकंत ज्वालं ॥१९१॥

ਬਹਤੰਤ ਘਾਯੰ ॥
बहतंत घायं ॥

ਝਲਕੰਤ ਚਾਯੰ ॥
झलकंत चायं ॥

ਡਿਗਤੰਤ ਬੀਰੰ ॥
डिगतंत बीरं ॥

ਭਿਗਤੰਤ ਭੀਰੰ ॥੧੯੨॥
भिगतंत भीरं ॥१९२॥

ਟੁਟੰਤੰਤ ਖੋਲੰ ॥
टुटंतंत खोलं ॥

ਢਮੰਕੰਤ ਢੋਲੰ ॥
ढमंकंत ढोलं ॥

ਟਟੰਕੰਤ ਤਾਲੰ ॥
टटंकंत तालं ॥

ਨਚੰਤੰਤ ਬਾਲੰ ॥੧੯੩॥
नचंतंत बालं ॥१९३॥

ਗਿਰੰਤੰਤ ਅੰਗੰ ॥
गिरंतंत अंगं ॥

ਕਟੰਤੰਤ ਜੰਗੰ ॥
कटंतंत जंगं ॥

ਚਲੰਤੰਤ ਤੀਰੰ ॥
चलंतंत तीरं ॥

ਭਟੰਕੰਤ ਭੀਰੰ ॥੧੯੪॥
भटंकंत भीरं ॥१९४॥

ਜੁਝੰਤੰਤ ਵੀਰੰ ॥
जुझंतंत वीरं ॥

ਭਜੰਤੰਤ ਭੀਰੰ ॥
भजंतंत भीरं ॥

ਕਰੰਤੰਤ ਕ੍ਰੋਹੰ ॥
करंतंत क्रोहं ॥

ਭਰੰਤੰਤ ਰੋਹੰ ॥੧੯੫॥
भरंतंत रोहं ॥१९५॥

ਤਜੰਤੰਤ ਤੀਰੰ ॥
तजंतंत तीरं ॥

ਭਜੰਤੰਤ ਭੀਰੰ ॥
भजंतंत भीरं ॥

ਬਹੰਤੰਤ ਘਾਯੰ ॥
बहंतंत घायं ॥

ਝਲੰਤੰਤ ਜਾਯੰ ॥੧੯੬॥
झलंतंत जायं ॥१९६॥

ਤਤਕੰਤ ਅੰਗੰ ॥
ततकंत अंगं ॥

ਜੁਟਕੰਤ ਜੰਗੰ ॥
जुटकंत जंगं ॥

ਉਲਥਥ ਲੁਥੰ ॥
उलथथ लुथं ॥

ਪਲੁਥਤ ਜੁਥੰ ॥੧੯੭॥
पलुथत जुथं ॥१९७॥

ਢਲੰਕੰਤ ਢਾਲੰ ॥
ढलंकंत ढालं ॥

ਪੁਅੰਤੰਤ ਮਾਲੰ ॥
पुअंतंत मालं ॥

ਨਚੰਤੰਤ ਈਸੰ ॥
नचंतंत ईसं ॥

ਕਟੰਤੰਤ ਸੀਸੰ ॥੧੯੮॥
कटंतंत सीसं ॥१९८॥

ਉਛੰਕੰਤ ਤਾਜੀ ॥
उछंकंत ताजी ॥

ਬਹੰਤੰਤ ਗਾਜੀ ॥
बहंतंत गाजी ॥

ਲੁਟੰਤੰਤ ਲੁਥੰ ॥
लुटंतंत लुथं ॥

ਕਟੰਤੰਤ ਮੁਖੰ ॥੧੯੯॥
कटंतंत मुखं ॥१९९॥

ਤਪੰਤੰਤ ਤੇਗੰ ॥
तपंतंत तेगं ॥

ਚਮੰਕੰਤ ਬੇਗੰ ॥
चमंकंत बेगं ॥


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