जोबन खान ने अपने योद्धाओं को बुलाया
और बैठ कर सलाह ली
आज हमें यहाँ क्या चाल चलनी चाहिए?
जिससे किला तोड़ा जा सके। 5.
बलवंद खां सेना लेकर गया अपने साथ
और उस किले पर हमला कर दिया।
लोग किले के पास गए
'मार लाउ' चिल्लाया 'मार लाउ'। 6.
किले से कई गोलियाँ चलाई गईं
और कई योद्धाओं के सिर फट गये।
युद्ध में वीर शहीद हुए
और शवों में लेशमात्र भी आभास न था। 7.
भुजंग छंद:
कहीं घोड़े लड़ रहे हैं तो कहीं राजा मारे गए हैं।
कहीं-कहीं मुकुट और घोड़े की लगाम गिर गई है।
कहीं-कहीं (योद्धाओं को) छेद दिया गया है, और कुछ युवकों को मरोड़ दिया गया है।
कहीं छतरियों के टूटे हुए हैं छतरियाँ।८।
कितने ही जवान गोलियों से युद्ध के मैदान में मारे गये हैं।
कितने भाग गये हैं, उनकी गिनती नहीं की जा सकती।
कितने ही लॉज जिद्दी क्रोध से भरे हुए हैं।
वे चारों तरफ से 'मारो मारो' चिल्ला रहे हैं। 9.
किले को चारों तरफ से मजबूती से घेर दिया गया है।
हतिले खान अपनी सेना के साथ क्रोध से भर गया है।
इधर वीर सजते हैं, उधर बैठते हैं
और क्रोध में भरकर वे एक कदम भी नहीं चलते। 10.
दोहरा:
योद्धा (युद्ध भूमि से अलग) एक भी कदम नहीं उठा रहा था तथा पूरी ताकत से लड़ रहा था।
दसों दिशाओं से योद्धा आये और किले को घेर लिया।
भुजंग छंद:
कहीं निशानेबाज गोलियां चला रहे थे और कहीं निशानेबाज तीर चला रहे थे।
कहीं-कहीं अभिमानियों के अंडे तोड़े जा रहे थे।
जहां तक मैं बता सकता हूं, मुझे बहुत दुख पहुंचा।
(ऐसा लग रहा था) जैसे मधुमक्खियां उड़ गई हों।12.
दोहरा:
योद्धा युद्ध के मैदान में बज्र बाण और बिच्छुओं से लड़ते थे।
बलवंद खां की मृत्यु सीने में गोली लगने से हुई।13.
चौबीस:
बलवंद खान युद्ध के मैदान में मारा गया
और इससे भी अधिक अज्ञात यह है कि कितने योद्धा मारे गये।
योद्धा दौड़ते हुए वहाँ आये
जहाँ जोबन खान लड़ रहा था। 14.
दोहरा:
बलवन्द खां की मृत्यु का समाचार सुनकर सभी योद्धा सशंकित हो गये।
वे बिना ज्वर के ही ऐसे ठण्डे हो गये मानो उन्होंने कपूर खा लिया हो।15.
अडिग:
जब चपल कला ने जोबन खान को देखा
अतः काम-बाण खाकर वह मूर्छित होकर भूमि पर गिर पड़ी।
उसने एक पत्र लिखा और उसे एक तीर से बांध दिया