हे दयालु रक्षक प्रभु, आपको नमस्कार है! हे जघन्य कर्म करने वाले प्रभु, आपको नमस्कार है!
हे पुण्य-पालक प्रभु, आपको नमस्कार है! हे प्रेम-अवतार प्रभु, आपको नमस्कार है! ५४
हे व्याधियों को दूर करने वाले प्रभु, आपको नमस्कार है! हे प्रेम-अवतार प्रभु, आपको नमस्कार है!
हे परम सम्राट प्रभु, आपको नमस्कार है! हे परम प्रभु, आपको नमस्कार है! ५५
हे महानतम दानी प्रभु, आपको नमस्कार है! हे महानतम सम्मान-प्राप्तकर्ता प्रभु, आपको नमस्कार है!
हे रोग-विनाशक प्रभु, तुझे नमस्कार है! हे स्वास्थ्य-पुनर्स्थापना प्रभु, तुझे नमस्कार है! ५६
हे परम मन्त्र प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे परम यन्त्र प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे परम पूज्य प्रभु! आपको नमस्कार है।
हे परम तंत्र प्रभु, आपको नमस्कार है ! ५७
आप सदैव सत्य, चेतना और आनंद के स्वामी हैं
अद्वितीय, निराकार, सर्वव्यापक और सर्वविनाशकर्ता।58.
आप ही धन, बुद्धि और संवर्धक हैं।
हे प्रभु! ...
आप ही परमपिता परमेश्वर हैं और अदृश्य रूप से सबको धारण करते हैं।
तुम सदैव धन के दाता और दयालु हो।
आप अजेय, अटूट, नामहीन और वासनारहित हैं।
तू सब पर विजयी है और सर्वत्र विद्यमान है।61.
आपकी सारी शक्ति. चचरी छंद
तुम जल में हो।
तुम ज़मीन पर हो.
तुम निर्भय हो।
तू अविवेकी है।६२।
आप सबके स्वामी हैं।
तुम अजन्मा हो।
तुम देशविहीन हो.
तुम निष्कलंक हो।63.
भुजंग प्रयात छंद,
हे अभेद्य प्रभु आपको नमस्कार है! हे असीम प्रभु आपको नमस्कार है!
हे सर्वानन्दस्वरूप प्रभु! आपको नमस्कार है।
हे सर्वत्र पूज्य प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे सर्व-भण्डार प्रभु, आपको नमस्कार है! ६४
हे स्वामीरहित प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे संहारक प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे अजेय प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे अजेय प्रभु, आपको नमस्कार है! ६५
हे अमर प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे संरक्षकहीन प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे सर्वव्यापक प्रभु! आपको नमस्कार है।
हे सर्वभूतेषु प्रभु, आपको नमस्कार है ! ६६
हे परम प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे श्रेष्ठ संगीत यंत्र प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे परम सम्राट प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे चन्द्रदेव! आपको नमस्कार है । ६७
हे गीत प्रभु! तुम्हें नमस्कार!
हे प्रेम प्रभु, आपको नमस्कार!
हे उत्साही प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे तेजस्वी प्रभु, आपको नमस्कार है! ६८
हे सर्वव्याधिनाशक प्रभु, आपको नमस्कार है !
हे सर्वभोक्ता प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे सर्वव्याधिनाशक प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे सर्वत्र भय रखने वाले प्रभु, आपको नमस्कार है! ६९
हे सर्वज्ञ प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे सर्वशक्तिमान प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे सम्पूर्ण मन्त्र-ज्ञाता प्रभु! आपको नमस्कार है।
हे सम्पूर्ण यन्त्रों के ज्ञाता प्रभु, आपको नमस्कार है ! ७०
हे सर्वदर्शक प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे विश्वव्यापी आकर्षण प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे सर्ववर्ण प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे त्रिलोकी संहारक प्रभु, आपको नमस्कार है ! ७१
हे विश्व-जीवन प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे आदि-बीज प्रभु! आपको नमस्कार है!
हे अखण्ड प्रभु, आपको नमस्कार है! हे अखण्ड प्रभु, आपको नमस्कार है!
हे सर्वज्ञ वरदाता प्रभु, आपको नमस्कार है ! ७२
हे दान-स्वरूप प्रभु, आपको नमस्कार है! हे पाप-विनाशक प्रभु, आपको नमस्कार है!
हे सर्वव्यापक सम्पदाधारी प्रभु, तुझे नमस्कार है! हे सर्वव्यापक शक्तिधारी प्रभु, तुझे नमस्कार है! ७३
चरपत छंद. आपकी कृपा से
तेरे कर्म स्थायी हैं,
तेरे नियम स्थाई हैं।
तुम सभी के साथ एक हो,
तू ही उनका स्थायी भोक्ता है।74.
तेरा राज्य स्थायी है,
तेरा श्रृंगार स्थायी है।
तेरे नियम पूर्ण हैं,
तेरे वचन समझ से परे हैं।75.
तुम सर्वव्यापी दाता हो,
आप सर्वज्ञ हैं।
आप सभी को ज्ञान देने वाले हैं,
तू ही सबके भोक्ता है।76.
तुम ही सबका जीवन हो,
आप सभी की शक्ति हैं।
आप ही सबके भोक्ता हैं,
तू सभी से संयुक्त है।77.