पहले 'धृष्टु द्रुमनुजा' (द्रौपदी) कहो और फिर 'पति' शब्द का उच्चारण करो।
पहले 'धरिशदयुमञ्ज' शब्द कहकर फिर 'पति और अनुज' शब्द जोड़कर और पीछे 'सुतारि' कहकर बाण के नाम जाने जाते हैं।।१८१।।
पहले 'द्रुपत' और 'द्रोण रिपु' बोलें और फिर 'जा' और 'पति' शब्दों का उच्चारण करें।
द्रुपद और द्रोणरिपु शब्द कहकर फिर 'ज' शब्द जोड़कर तथा तदनन्तर 'पति, अनुज और सुतारि' शब्द कहकर बाण के अनेक नाम प्रसिद्ध हुए।।१८२।।
पहले 'द्रुपत' नाम लें और फिर 'जमाता' (दामाद) शब्द बोलें।
प्रारम्भ में द्रुपद नाम का उच्चारण करके फिर ‘जामाता, अनुज और सुतारि’ शब्द कहने से बाण के अनेक नाम प्रसिद्ध हुए।।१८३।।
पहले 'द्रोण' नाम लें, फिर 'अरी' शब्द का उच्चारण करें।
'द्रोण' नाम का उच्चारण करके 'अरि' शब्द जोड़कर तथा फिर 'भगिनी, पति, भरत और सुतारि' शब्दों का उच्चारण करके बाण के नाम प्रसिद्ध होते हैं।184.
असुर राज सुतंत कारी' (रावण के पुत्र का विनाशक) बिसाख, बरहा (पंख वाला) बान,
रावण का नाश करने वाला, इन्द्र का शत्रु, मेघों को चीरने वाला तथा सब प्रकार के संकटों का नाश करने वाला भगवान् बाण (तीर) नाम से पुकारा जाता है।।185।।
पहले 'माद्री' शब्द बोलें, फिर 'सुता' शब्द बोलें।
पहले 'माद्र' शब्द का उच्चारण करके, फिर 'सुत' शब्द का उच्चारण करके, फिर 'अनुज और सातरि' शब्द जोड़कर बाण नाम माने जाते हैं।
पहले 'सुग्रीव' शब्द बोलो, फिर 'अरी' शब्द बोलो।
पहले 'सुग्रीव' शब्द का उच्चारण करके फिर 'अरि' शब्द जोड़कर बुद्धिमान लोग बाण के समस्त नामों को पहचान लेते हैं।
पहले 'दस ग्रिव' और 'दस कंठ' शब्द बोलें। फिर 'अरी' शब्द का उच्चारण करें।
‘दशग्रीव और दसकंठ’ इन शब्दों का उच्चारण करके तथा फिर ‘अरि’ शब्द कहकर बुद्धिमान लोगों ने बाण के नामों को ठीक-ठीक जाना।।१८८।।
पहले 'जटायु' शब्द बोलें और फिर 'अरि' शब्द का उच्चारण करें।
प्रथमतः जटायु शब्द का उच्चारण करने पर तत्पश्चात 'अरि' और 'रिपु' शब्द जोड़ने पर बाण का नाम पहचाना जाता है।।१८९।।
पहले 'रावण' और 'रसासुर' (रसिक असुर) शब्द बोलें और अंत में 'अरी' शब्द लगाएं।
प्रारम्भ में 'राजेश्वर रावण' कहने और अन्त में 'अरि' जोड़ने से बाण के सभी नाम ज्ञात हो जाते हैं।।१९०।।
सबसे पहले 'मेघ' का नाम लें और अंत में 'धुनी' शब्द लगाएं।
प्रारम्भ में मेघनाद का नाम लेकर फिर पिता और अरि शब्द जोड़कर बाण का नाम बोला जाता है।।१९१।।
मेघ नाद, जलधुनि और घन्नीसन (पर्याय-क्रम से ध्वनि करने वाले) शब्द कहने से
मेघनाद शब्द कहकर फिर जलधि और ध्वनि कहकर फिर धन और निशान शब्द कहकर और फिर पिता और अरि शब्द जोड़कर बाण का नाम बोला जाता है।।192।।
अम्बुद धुनि, घन नाद (मेघनाद का नाम) शब्द बोलें और फिर 'पीठ' शब्द का उच्चारण करें।
अम्बुद्ध और ध्वनि शब्दों का उच्चारण करके, फिर नादघन कहकर तथा तदनन्तर पिता और अरि शब्दों को जोड़कर विचारपूर्वक बाण का नाम जाना जाता है।।193।।
पहले 'धरधर' (परिवर्तन) शब्द बोलें और फिर 'धुनी' शब्द का उच्चारण करें।
मुख्य रूप से "धराधर्र" शब्द कहने से, फिर "ध्वनि, पिता और अरि" शब्द जोड़ने पर बाण का नाम ज्ञात होता है।।194।।
पहले 'शब्द' (आकाश) नाम लें और फिर 'पर्ध्वनि' (परिवर्तन) शब्द जोड़ें।
पहले शब्द का उच्चारण करके फिर परधान शब्द बोलकर और बाद में ध्वनि और अरि शब्द जोड़कर बाण नाम बोला जाता है।।१९५।।
पहले 'जलद' शब्द का उच्चारण करें, फिर 'नाद' शब्द जोड़ें।
पहले जलध शब्द का उच्चारण करके फिर नाद शब्द जोड़कर फिर पिता और अरि शब्दों का उच्चारण करने से बाण का नाम प्रसिद्ध होता है।।१९६।।
पहले 'नीर' का नाम लेकर 'धर' और 'धुनी' शब्द बोलें।
प्रारम्भ में पानी का उच्चारण करके फिर धार शब्द जोड़ने से, तथा प्रारम्भ में तट शब्द बोलकर अन्त में अरि शब्द जोड़ने से बाण के नाम जाने जाते हैं।।197।।
पहले 'धरा' (शब्द) का उच्चारण करके, फिर 'धर' शब्द जोड़ें।
प्रारम्भ में धर्म शब्द का उच्चारण करके फिर धर शब्द जोड़कर तथा बाद में पिता और अरि शब्द कहकर बाण का नाम बोला जाता है।।198।।
(पहले) नीर, बारी, जल शब्द बोलें, फिर 'धार' शब्द बोलें और फिर 'धूनी' शब्द बोलें।
'नीर, वारि और जलधर' शब्द का उच्चारण करके तथा फिर 'ध्वनि, तट और अरि' शब्दों का उच्चारण करके बाण के नाम पहचाने जाते हैं।।१९९।।
पहले 'पानी' शब्द का उच्चारण करें, फिर 'धार' शब्द का।
पहले 'पानी' शब्द का उच्चारण करके, फिर 'धार' शब्द जोड़कर, तत्पश्चात 'ध्वन्त, पिता आदि' शब्दों का उच्चारण करके बाण के नाम पहचानें।।200।।
पहले 'घन सुत' बोलकर फिर 'धर' और 'धूनी' शब्द बोलें।
मुख्यतः 'घनसूत' कहकर फिर 'धर, तात और अरि' शब्दों को जोड़कर बोलने से बाण का नाम जाना जाता है।।२०१।।
हे पुण्यात्मा न्यायाधीश! पहले 'अब्द धुनी' (पानी की बोतल की ध्वनि) कहो, फिर 'पीठ' और 'अरी' शब्दों का उच्चारण करो।
अम्बुद्धध्वनि का उच्चारण करके फिर जगत को ‘पिता’ कहकर हे पुण्यात्मा लोगों! अपने मन में बाण के सभी नामों को पहचानो ।।२०२।।
पहले 'धार बाड़ी' कहें (फिर) 'धार' और 'धूनी' का उच्चारण करें।
'धार और वारि' शब्दों का उच्चारण करके, फिर 'परधान, तात और अरि' शब्दों को कहकर और जोड़कर बाण नाम जाना जाता है।।२०३।।
पहले 'नीरद' (शब्द) का उच्चारण करें और फिर 'धुनी' पद का उच्चारण करें।
प्रारम्भ में ‘नीरद’ शब्द बोलकर फिर ‘ध्वनि, पिता और अरि’ शब्द बोलकर और जोड़कर बाण नाम जाना जाता है।।२०४।।