(पहले) 'तारल्यैस भगणी' शब्द का उच्चारण करें।
(फिर) 'सुत चार पति' शब्द जोड़ें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द का उच्चारण करें।
“तारालय-ईश-भगिनी” कहकर “सच्चर-पति-शत्रु” शब्द बोलो और तुपक के सभी नामों को जानो ।१०२१।
अधिचोल
सबसे पहले 'तारा गृहिणीस भगनि' (शब्द) का पाठ करें।
(फिर) 'सत चार नाथ' शब्द जोड़ें।
उस मंत्र के अंत में 'शत्रु' शब्द का जाप करें।
‘ताराअग्रहनीशभगिनी’ शब्दों का उच्चारण करके ‘सत्चारनाथशत्रु’ शब्दों को जोड़ दे और बुद्धिपूर्वक तुपक के सभी नामों को जान ले।।1122।।
सर्वप्रथम 'उदुग निकेतिस भगनी' शब्द का उच्चारण करें।
फिर 'सुत चर नाथ' श्लोक जोड़ें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द का उच्चारण करें।
“उरग-नकेतीश-भगिनी” कहकर “सत्चार-नाथ-शत्रु” शब्द बोलो और तुपक के सभी नामों को जानो ।।१०२३।।
सर्वप्रथम 'उदुग नाथ भगनीनी' श्लोक का पाठ करें।
फिर 'सुत चार नाथ' शब्द जोड़ें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द का उच्चारण करें।
पहले ‘उरग-नाथ-भगिनिन’ शब्द बोलकर, उसके बाद ‘सत्चार-नाथ-शत्रु’ शब्द जोड़ दें और बुद्धिपूर्वक तुपक के नामों को पहचान लें।।१०२४।।
सबसे पहले 'उडुग एसार भगनिनि' शब्द बोलें।
(फिर) 'सुत चरनाथ' शब्द जोड़ें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द का उच्चारण करें।
‘उर्गेश्वरभगिनिन’ शब्द कहकर अंत में ‘सत्चारनाथशत्रु’ शब्द जोड़ दे और तुपक के सभी नाम जान ले ।।१०२५।।
सबसे पहले 'उडुग ईसर भगनिनि' शब्द का उच्चारण करें।
(फिर) 'सुत चार नाथ' शब्द जोड़ें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द बोलें।
पहले “उर्गेश्वरभगिनिन” शब्द कहकर “सत्चारनाथशत्रु” शब्द बोलें और तुपक के सभी नाम जानें ।।१०२६।।
चौपाई
(पहले) 'उद्गासराय भगनीनी' (शब्द) का पाठ करें।
(फिर) 'सुत चार नायक' श्लोक जोड़ें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द का उच्चारण करें।
“ऊर्गाश्रयभगिनिन” शब्द कहते हुए “सत्चारनायकशत्रु” शब्द बोलो और तुपक के सब नाम जानो ।।१०२७।।
पहले (चन्द्रमा) भगनीनी' का पाठ करें।
(फिर) 'सुत चार पति' शब्द जोड़ें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द का उच्चारण करें।
पहले ‘ऋषाणभगिनी’ शब्द बोलकर फिर ‘सच्चरपतिशत्रु’ शब्द बोलकर मन में तुपक नामों का ध्यान करें।।१०२८।।
सबसे पहले 'मुनिज (चंद्रमा) भगनिनी' (शब्द) का पाठ करें।
(फिर) 'सुत चार पति' शब्द जोड़ें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द का उच्चारण करें।
पहले ‘मुनि-भगिनी’ शब्द कहकर, ‘सच्चर, पति और शत्रु’ शब्द बोलकर, मन में तुपक नामों का ध्यान करें ।।१०२९।।
(पहले) 'ब्रिति उत्तमज (चन्द्रमा) भगणिनी' शब्दों का जाप करें।
(फिर) 'सुत चार नायक' शब्द जोड़ें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द बोलें।
“व्रति-उत्मज-भगिनी” कहकर “सत्चार-नायक-शत्रु” शब्द बोले और तुपक के नाम जाने।।१०३०।।
सबसे पहले 'तपीज (चंद्रमा) भगनिनी' (शब्द) का जाप करें।
(फिर) 'सुत चार पति' शब्द जोड़ें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द बोलें।
पहले ‘तपीशभगिनी’ शब्द कहकर ‘सत्चारशत्रु’ शब्द बोले और तुपक के नाम जाने।।१०३१।।
सबसे पहले 'कासिप सुत भगनिनि' का पाठ करें।
(फिर) 'सुत चार नायक' शब्द जोड़ें।