'हमारे सभी लोगों ने कुछ गलतियाँ की हैं, लेकिन अब कृपया हमें इस जघन्य बीमारी से बचाएँ।'(३३)
शाह के बेटे ने कहा:
चौपाई
उसने सारी बात बता दी
फिर उन्होंने पूरी कहानी सुनाई, जिसे लोगों ने ध्यानपूर्वक सुना।
उसे एक और बेटी दी
उन्होंने उसे एक और युवती दी और उसकी अनेक प्रकार से प्रशंसा की।(34)
उसने पूरे गांव को आजाद कराया और (उन्हें) बचाया।
फिर शाह के बेटे ने पूरे गांव को आजाद करा दिया।
उसने दूसरी बार शादी कर ली
उसने दूसरी शादी कर ली और अपने गांव की राह पकड़ ली।(35)(1)
शुभ चरित्र का अड़सठवाँ दृष्टान्त - राजा और मंत्री का वार्तालाप, आशीर्वाद सहित सम्पन्न। (68)(1220)
दोहिरा
एक महान राजा थे और राज कला उनकी पत्नी थीं।
उसके समान कोई नहीं था; यहां तक कि, भगवान इंद्र भी उससे मोहित हो गए थे।
वह रानी दिन-रात एक चोर के साथ प्रेम-क्रीड़ा करती रहती थी।
वह उसे अपने घर बुलाती थी और स्वयं भी अक्सर उसके घर जाती थी।(2)
एक दिन राजा जब उसके घर जा रहा था तो उसने उसे देख लिया।
उसने चोर की बुरी तरह पिटाई की और उसे फाँसी देने का आदेश दिया।(3)
जब भी दर्द उसे चुभता, वह होश में आ जाता।
लेकिन कुछ साँस लेने के बाद वह फिर से बेहोश हो जाता।(4)
चौपाई
जब रानी ने यह सुना
जब रानी ने यह सुना तो वह तुरंत उसे देखने के लिए बाहर दौड़ी।
जब उसका खून चढ़ गया
जब खून बह निकला और उसे होश आया तो उसने औरत को देखा।(5)
तब रानी ने उससे बात की।
फिर बोली, 'सुनो चोर, मैं तुमसे प्यार से कह रही हूँ,
आप जो आज्ञा देंगे मैं वही करूंगा।
'कि मैं जी नहीं सकता। तुम्हारे बिना, मैं खुद को मार डालूंगा।'(6)
तब चोर ने ये शब्द कहे
चोर बोला, 'मेरे मन में एक इच्छा है,
जब मैं मर जाऊं तो तुम्हें चूमूं,
'ताकि मैं तुम्हें चूम लूं और फिर फाँसी पर चढ़ जाऊं।'(7)
जब रानी ने उसे चूमने दिया
जब रानी ने उसे चूमा तो उसकी नाक से खून की धारा बह निकली।
तब चोर का मुंह बंद हुआ
चोर का मुंह (बलपूर्वक) बंद हो गया और रानी की नाक कट गई।(८)
दोहिरा
चुम्बन लेने के तुरंत बाद उसकी आत्मा स्वर्ग के लिए प्रस्थान कर गयी।
(रानी की) नाक का कटा हुआ टुकड़ा उसके मुँह में रह गया और रानी हताश हो गयी।(९)
चौपाई
नाक कटाकर घर आई रानी
नाक कटने के बाद महिला घर आ गई।
कि मैंने नाक काटकर शिव को (भोजन के रूप में) अर्पित कर दी है।
उसने राजा से कहा कि, 'मैंने अपनी नाक काटकर भगवान शिव को भेंट की, क्योंकि इससे शिव बहुत प्रसन्न हुए।'
तब शिव ने ये शब्द कहे
'लेकिन शिव जी ने कहा, "आपकी नाक एक चोर के मुंह में डाल दी गई है।"