जब शाह सो गया तो उसने सारी सम्पत्ति इकट्ठी कर ली,
उसने एक दोस्त को दरवाजे पर बैठाया
उसने अपने साथी से कहा कि वह गेट पर निगरानी रखे और उसे न जगाए।(८)
दोहिरा
अपने साथी को दरवाजे पर छोड़कर वह तेजी से भाग गया।
उसने सारे रुपए ठग लिये और शाह बहुत परेशान हुआ।(9)(1)
शुभ चरित्र का चौहत्तरवाँ दृष्टान्त - राजा और मंत्री का वार्तालाप, आशीर्वाद सहित सम्पन्न। (74)(1291)
दोहिरा
गजनी में एक मुगल रहता था उसका नाम मुख्तियार था।
उसके पास आलीशान मकान और बहुत सारी संपत्ति थी।(1)
उसके पास एक घोड़ा था, जिसे एक चोर देखने आया।
उसने (चोर ने) सोचा कि इसे कैसे चुराया जाये?(2)
वह मुगल के घर आया और नौकरी मांगी।
मुगल ने तुरंत उसे मासिक शर्तों पर नियुक्त कर लिया।(3)
चौपाई
आपका महीना लेने की पुष्टि हो गई
उसने मासिक वेतन का दस्तावेज लिखवा लिया और इस प्रकार मुगल को अपना ऋणी बना लिया।
फिर उसकी (मुगल की) खूब सेवा की
उसने अपनी सेवाएँ दीं और फिर कैशियर का वेतन भी चुरा लिया।(4)
दोहिरा
(अब, चूंकि मुगल के पास पैसे नहीं बचे थे और वह अपनी मजदूरी नहीं दे सकता था) उसने घोषणा की कि वह (मुगल) उसका कर्जदार है।
उसने लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया, घोड़ा लिया और चला गया।(5)
चौपाई
मुगल रोते पीटते आये तब
मुगल को बहुत दुःख हुआ और उसने बताया कि कर्जदार ने उसकी सारी सम्पत्ति छीन ली है।
जो उसकी बातें सुनता है,
जो कोई सुनता, उसे झूठा समझकर उसका मजाक उड़ाता (और उसे सुनाता) था।(6)
जिनसे तुमने पैसे उधार लिये और खाये,
'अगर आपने किसी से पैसे उधार लिये हों तो वह आपसे कैसे चोरी कर सकता है?
तुमने उससे पैसे क्यों उधार लिये?
'तुमने उससे कर्ज क्यों लिया था? फिर, अगर उसने (अपने पैसे के बदले) तुम्हारे घोड़े ले लिए हैं तो क्या होगा?'
दोहिरा
रहस्य को समझे बिना ही सभी ने उसे झूठा कहा।
प्रत्येक दिन शुभ है और यह भगवान ईश्वर की इच्छा के अनुसार घटित होता है।(8)(1)
शुभ चरित्र का पचहत्तरवाँ दृष्टान्त - राजा और मंत्री का वार्तालाप, आशीर्वाद सहित सम्पन्न।(७५)(१२९९)
दोहिरा
तब मंत्री ने कहा, 'राजा, एक और कहानी सुनो।'
'उसी चोर ने एक और चाल चली जो मैं तुम्हें अब बताता हूँ।(1)
चौपाई
जब उस चोर ने धन और घोड़ा चुरा लिया,
जब उसने सारा धन चुरा लिया तो उसके मन में एक और विचार आया,
एक अद्भुत चरित्र बनाने के लिए
'क्यों न एक और चाल चली जाए जिससे किसी सुन्दर स्त्री को वश में किया जा सके।'(2)
दोहिरा
उन्होंने अपने लिए एक नाम रखा, घर-जवाई, यानी साथ रहने वाला दामाद,
और आकर एक विधवा के यहां रहने लगा।(3)
चौपाई
वह बहुत खुश थी कि भगवान ने उसे एक बेटा दिया है,