सबसे पहले 'भागीरथनी' (भागीरथ द्वारा लाई गई गंगा नदी वाली भूमि) शब्द का उच्चारण करें।
फिर 'जा चार नायक' वाक्यांश जोड़ें।
इसके अंत में 'शत्रु' पद पर विचार करें।
पहले ‘भागीरथनि’ शब्द बोलकर, फिर अंत में जाचर-नायक और शत्रु शब्द बोलकर, विचारपूर्वक तुपक के सभी नामों को समझे।।८२२।।
चौपाई
पहले 'जटनी' (जाटों से निकलने वाली गंगा नदी वाली भूमि) का उच्चारण करें।
उसके बाद 'जा चार नायक' शब्द जोड़ें।
फिर 'शत्रु' शब्द बोलें।
पहले “जटनिन” शब्द बोलकर “जाचर-नायक-शत्रु” शब्द बोलें और तुपक के सभी नाम जानें।
पहले 'नाड़ी रत्निनी' (शब्द) बोलें।
फिर 'जा चार नायक' शब्द लिखें।
फिर 'शत्रु' शब्द बोलें।
पहले ‘नदी-रत्निं’ शब्द बोलकर ‘जाचार-पति अन शत्रु’ शब्द बोलें और तुपक के नाम जानें।
सबसे पहले 'भिखम जननी' (गंगा की भूमि) शब्द बोलें।
फिर 'जा चार पति' शब्द जोड़ें।
इसे सभी बूंदों का नाम समझिए।
पहले ‘भीष्मजननी’ शब्द कहकर फिर ‘जाचारपति’ शब्द जोड़कर बिना किसी भेदभाव के तुपक के सब नाम जान लो।।८२५।।
सबसे पहले 'नदी इस्रानिनी' (गंगा की भूमि) शब्द बोलें।
(फिर) 'जा चार नायक' शब्द जोड़ें।
फिर 'शत्रु' शब्द बोलें।
पहले ‘नदी-ईश्वरनि’ शब्द बोलो, फिर ‘जाचार-नायक-शत्रु’ जोड़ो, फिर तुपक के सभी नामों को पहचानो।
सबसे पहले 'नदी रजनी' (गंगा की भूमि) कहें।
(फिर) 'जा चार नायक' शब्द बोलें।
फिर मुख से 'शत्रु' शब्द बोलें।
‘नदिराजननि’ शब्द कहने के बाद ‘जाचार-शत्रु’ शब्द बोलो और मन में तुपक (तुफांग) के नामों को पहचानो ।८२७।
सर्वप्रथम 'नदीनायकनिनी' (नदियों की भूमि गंगा) श्लोक का पाठ करें।
(फिर) 'जा चार पति' शब्द जोड़ें।
इसके बाद 'शत्रु' शब्द का उच्चारण करें।
पहले 'नाद-नायकनी' शब्द बोलकर 'जाचार-पति-शत्रु' शब्द जोड़ें और मन में तुपक के नाम जानें।८२८।
सबसे पहले 'सरितेसरणिनी' (नदियों की भूमि, भगवान गंगा) शब्द बोलें।
(इसमें) 'जा चार नायक' शब्द जोड़ें।
फिर 'शत्रु' शब्द का उच्चारण करें।
पहले “सरितेश्वरी” शब्द कहकर “जाचार-नायक-शत्रु” शब्द बोलो और तुपक के नामों को पहचानो।
सबसे पहले 'सरिता बर्निनी' (गंगा नदी की भूमि) शब्द का जाप करें।
फिर 'जा चार नायक' शब्द जोड़ें।
फिर 'शत्रु' शब्द बोलें।
सर्वप्रथम “सरितावर्णी” शब्द का उच्चारण करने के पश्चात “जाचार-नायक-शत्रु” शब्द जोड़ो और तुपक के सभी नामों को पहचानो।
सर्वप्रथम 'सरितेद्रणिनी' (गंगा नदी) श्लोक का जाप करें।
(फिर) 'जा चार पति' शब्द जोड़ें।
फिर 'शत्रु' शब्द का उच्चारण करें।
सर्वप्रथम ‘सरितेन्द्राणी’ शब्द का उच्चारण करके ‘जाचार-पति-शत्रु’ शब्द जोड़ें तथा मन में तुपक के नाम जानें।८३१।
दोहरा
पहले मुख से 'सरिता नृपाणिनी' (गंगा नदी वाली भूमि) (शब्द) का उच्चारण करें।
सर्वप्रथम अपने मुख से ‘सरितान्र्पनिन्’ शब्द बोलो और फिर ‘जाचार-पति-शत्रु’ शब्दों को कहकर मन में तुपक के नामों को जानो।।८३२।।
अधिचोल
सबसे पहले 'तरंगणी रजनी' (गंगा की भूमि) शब्द का जाप करें।
फिर 'जा चार' बोलें और 'नायक' शब्द जोड़ें।
(फिर) इसके अन्त में 'शत्रु' शब्द बोलें।