सबसे पहले 'रणराजनी' (रात्रि के राजा चंद्रमा से संबंधित चंद्र नदी) (शब्द) बोलें।
(फिर) 'जा चार पति' शब्द बोलो।
इसके अंत में 'शत्रु' पद का पाठ करें।
“रैन-राजनी” शब्द कहकर फिर “जाचार-पति-शत्रु” शब्द बोले और तुपक के सभी नामों को जानें।।९४६।।
पहले 'निस नायकनि' (शब्द) का उच्चारण करें।
फिर 'सून' (पुत्र) शब्द का उच्चारण करें और 'चर पति' शब्द जोड़ें।
इसके अंत में 'ari' जोड़ें।
“निशिनायकनानि” शब्द बोलकर “शून्यचरपति” शब्द भी जोड़ दे, फिर “अरि” भी जोड़ दे और तुपक के सब नाम जान ले ।।९४७।।
सबसे पहले 'निसिइस्नी' (चन्द्रमा नामक नदी) शब्द का उच्चारण करें।
(फिर) 'जा चार नायक' शब्द जोड़ें।
फिर 'शत्रु' शब्द बोलें।
निशि-ईशानी शब्द बोलकर जाचार-नायक-शत्रु शब्द जोड़कर तुपक नाम जानें ।।९४८।।
सबसे पहले 'निसी पाटिनिनी' शब्द का उच्चारण करें।
अंत में 'सुत चार अरी' शब्द जोड़ें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द बोलें।
पहले ‘निशि-पत्नानि’ शब्द बोलकर अंत में ‘सत्-चर-अरि-शत्रु’ शब्द जोड़कर तुपक के नाम जानें।।९४९।।
सबसे पहले 'निस धनिनी' (रात्रि के स्वामी चंद्रमा से संबंधित) शब्द बोलें।
(फिर) 'जा चार अरी' शब्द जोड़ें।
फिर 'शत्रु' शब्द का उच्चारण करें।
पहले ‘निशि-शननि’ शब्द बोलकर, ‘जाचर, अरि और शत्रु’ शब्द जोड़कर मन में तुपक के नाम जानें।।९५०।।
पहले बोलो 'रण नायकिनी'।
(फिर) 'जा चार पति' शब्द जोड़ें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द का उच्चारण करें।
पहले ‘रैन-नायकनी’ शब्द बोलकर ‘जाचार-पति-शत्रु’ शब्द जोड़ें और तुपक के नाम जानें।।९५१।।
सबसे पहले 'निस चरनि' (रात्रि में घूमने वाले चंद्रमा से संबंधित) श्लोक बोलें।
फिर 'सुत चार नायक' शब्द जोड़ें।
फिर 'शत्रु' शब्द बोलें।
पहले ‘निशि-चरणन्’ शब्द बोलकर, उसके बाद ‘सत्चार-नायक-शत्रु’ शब्द जोड़कर तुपक के नामों को पहचानें।।९५२।।
सबसे पहले 'निसाचारिणानि' (रात्रि में घूमने वाले चंद्रमा से संबंधित) शब्द बोलें।
(फिर) 'सुत चार नायक' शब्द जोड़ें।
फिर 'शत्रु' शब्द बोलें।
निशा-चरण शब्द कहकर उसमें 'सत्कार-नायक-शत्रु' शब्द जोड़ दे और फिर तुपक के सब नाम जान ले।।९५३।।
सबसे पहले 'रण रमणी' शब्द का उच्चारण करें।
(फिर) 'सुत चार पति' शब्द बोलो।
अंत में 'शत्रु' शब्द का उच्चारण करें।
पहले 'रैन-रमन' शब्द बोलकर 'सत्चार-पति-शत्रु' शब्द जोड़ दें और तुपक के सभी नाम जान लें।।९५४।।
सर्वप्रथम 'रण रजनी' (शब्द) का पाठ करें।
(फिर) 'सुत चार पति' श्लोक जोड़ें।
इसके अंत में 'शत्रु' पद का पाठ करें।
पहले ‘रेन-राज्ञं’ शब्द बोलकर उसके बाद ‘सत्चार, पति और शत्रु’ शब्द जोड़ दें और इस प्रकार तुपक के सभी नाम जान लें।।९५५।।
सर्वप्रथम 'निसारवणि' (रात्रि में चमकने वाले चन्द्रमा से संबंधित) का पाठ करें।
(फिर) 'सुत चार पति' शब्द जोड़ें।
इसके बाद 'शत्रु' शब्द बोलें।
पहले निशा-रमणिण शब्द कहकर सत्चर-पति-शत्रु शब्द बोलो और तुपक के सभी नामों को जानो ।।९५६।।
पहले 'दिन अरि रवानिनी' (शब्द) का उच्चारण करें।
(फिर) 'सुत्त चार पति' शब्दों पर विचार करो।
इसके अंत में 'शत्रु' पद का पाठ करें।
पहले ‘दिन-अरि-रमणं’ शब्द बोलकर, ‘सत्चार-पति-शत्रु’ शब्द जोड़कर तुपक के नाम जानें।।९५७।।