बैरम खान, बहादुर खान,
बलवन्द खाँ एवं रुस्तम खाँ आदि
बड़े-बड़े बुद्धिमान दिग्गज आये और क्रोधित होकर चले गये
बहुत सी सेना लेकर जाना। २०३।
हसन खान, हुसैन खान,
मुहम्मद खान एक विशाल सेना के साथ,
शम्स खान और समसरो खान (सहित)
वह दाँत पीसता रहा। 204.
(उन्होंने) आते ही तीर चलाये।
(वे) महाकाल को मारना चाहते थे।
महाकाल ने चलते हुए बाण देखे
और हज़ारों टुकड़े करके ज़मीन पर फेंक देगा। (205)
महाकाल को बहुत क्रोध आया और उन्होंने अनगिनत बाण छोड़े
उसने (उन बाणों को) सौ-सौ ('सत्, सत्') तोड़कर भूमि पर फेंक दिया।
फिर उन्होंने (महाकाल ने) एक-एक बाण चलाया
(जिससे) बहुत से पठान जमीन पर गिर पड़े। २०६.
(उसने) निहंग खान को दो भागों में काट दिया
और झरझर खां ने भी खूब तीर चलाये।
फिर भारंग खां युद्ध भूमि में मारा गया
हजारों चारणों और सिद्धों को देखना। २०७।
नाहर खाँ और गैरत खाँ की हत्या कर दी
और बलवंद खान का सिर काट दिया।
शेर खान लाक ('कटी') से कट गया था।
और बैरम खाँ को उसके बालों से पीटा। 208.
तभी बहादुर खान को गुस्सा आ गया और वो भड़क गया
फिर उसने कई बाण चलाये।
महाकाल क्रोधित हो गए और उन्होंने बाण चलाये।
(उसने) सोचा कि कितनी देर तक वह लड़ता रहा, (आखिरकार) गिर पड़ा। २०९.
इस प्रकार पठानी सेना का संहार कर,
परंतु मुगल सेना में अभी तक कोई भय उत्पन्न नहीं हुआ था।
एक ही झटके में कई वीर मारे गये।
(वह इस प्रकार मरता था) मानो इन्द्र ने पर्वतों को मार डाला हो। २१०।
बैरम बेग ने मुगलों को मार डाला
और यूसुफ खान मारा गया।
ताहिर बेग कुछ समय तक युद्ध क्षेत्र में ही रहा।
लेकिन फिर दो घंटे तक लड़ने के बाद वह गिर पड़ा।
फिर उसने क्रोधित होकर नूरम बेग को मार डाला
और बाद में आदिल बेग को जला दिया गया।
(इस प्रकार) मलिक सेना भयभीत हो गई
और कोई भी अपने हाथ में हथियार नहीं पकड़ सकता था। 212.
पठान भाग गये और मुग़ल भी भाग गये।
(इसके बाद) दसों दिशाओं से सैयद आये।
(तब) पठान उदास होकर लौट गए
और फिर उन्होंने धनुष के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। 213.
हुसैन खां ने आते ही युद्ध किया
और हसन खान की हत्या कर दी गयी।
तभी एक लड़ाई में मुहम्मद खान मारा गया।
(ऐसा लग रहा था) जैसे दीपक पर पतंग गिर गयी हो। २१४.