और उसे खाना पकाने का बर्तन दिखाकर उससे कहा था कि वह जो चाहे वह कार्य कर ले।(25)
चौपाई
जब बेगम ने अपना चरित्र यह कहकर बताया
जब रानी ने ऐसा चरित्र प्रदर्शित किया तो उसने उसे अपने हृदय के और भी करीब समझा।
फिर उसने कुछ और चालाकी करने के लिए फुसफुसाया,
और, इसके बाद, काजी (न्याय) की सहमति से उनकी हत्या करना चाहता था।(26)
दोहिरा
बेगम को एक योजना सूझी और उन्होंने दासी को निर्देश दिया,
'इसे चांदनी चौक ले जाओ और घोषणा करो, 'वहां एक भूत है।'(27)
चौपाई
वह सखी को मारने के लिए ला रही थी।
वह उसे मरवाने के लिए ले जा रही थी, लेकिन खाना पकाने के बर्तन में बैठा मूर्ख खुशी-खुशी वहाँ से चला गया।
(वह) सोच रहा था कि आज बेगम मिल ही जायेगी
वह सोच रहा था कि वह रानी को पा लेगा और फिर उसके साथ सेक्स करेगा।(28)
(वह सखी) देग के साथ वहाँ आई
वे खाना पकाने का बर्तन उस स्थान पर ले आये, जहाँ काजी और मुफ्ती, पुजारी बैठते थे।
जहां चौबूतरे पर बैठा कोतवाल
और पुलिस न्याय लागू करने में जुट गई।(29)
नौकरानी की बात
दोहिरा
सुनो काजी, बर्तन में भूत है।
आपके आदेश से इसे या तो दफना दिया जाए या आग लगा दी जाए।(30)
तब काजी ने कहा, 'सुनो, सुन्दर दासी,
'इसे अवश्य ही दफना दिया जाना चाहिए, अन्यथा यदि इसे छोड़ दिया गया तो यह किसी की भी जान ले सकता है।'(31)
तब काजी, सिपाही और पादरी ने अनुमति दे दी।
और उसे ज़मीन में दफ़न कर दिया गया और भूत को खाना पकाने के बर्तन के साथ दफ़न कर दिया गया।(32)
इस तरह रानी ने सम्राट का दिल जीत लिया।
और उस औरत ने अपनी चालाकी से उसे भूत घोषित करवा दिया।(33)(1)
शुभ चरित्र का 82वाँ दृष्टान्त - राजा और मंत्री का वार्तालाप, आशीर्वाद सहित सम्पन्न। (82)(1473)
दोहिरा
राजौरी देश में राजपुर नाम का एक गाँव था।
वहाँ एक दूधवाला गूजर रहता था, जिसका नाम राज महल था।(1)
चौपाई
उनकी पत्नी का नाम राजो था।
वहाँ एक युवती राजो रहती थी, जो बहुत ही आकर्षक शरीर की धनी थी।
उसे एक आदमी से प्यार हो गया।
वह एक आदमी से प्यार करने लगी और दूधवाले को शक हो गया।(2)
यार समझ गया कि गुज्जर मुझे जान गया है।
प्रेमी को इसमें कोई संदेह नहीं था कि दूधवाले को पता चल गया है और,
वह गांव छोड़कर कहीं और चला गया
इसलिए वह बहुत डर गया। वह गांव छोड़कर चला गया और फिर कभी दिखाई नहीं दिया।(3)
दोहिरा
राजो को अपने प्रेमी की याद आती थी और वह बहुत उदास रहती थी।
वह हमेशा उदास होकर उससे मिलने की इच्छा रखती थी।(4)
चौपाई
यह सारा रहस्य गूजर को भी समझ में आ गया था।
दूधवाले को सारा राज पता था लेकिन उसने खुलासा नहीं किया।
उसने मन ही मन यह सोचा