पहले 'वात' शब्द का उच्चारण करके फिर 'हा' और 'अस्तर' शब्द जोड़ने से पाश नाम बनते हैं, जिन्हें बुद्धिमान लोग पहचानते हैं। ३११।
पहले 'मग' शब्द बोलें, फिर अंत में 'चिड' शब्द जोड़ें।
प्रारम्भ में ‘मद’ शब्द बोलकर और अन्त में ‘छिड़’ शब्द जोड़कर बुद्धिमान लोग पाश के नाम पहचानते हैं।।३१२।।
पहले 'मार्ग' शब्द बोलकर, अंत में 'मार' शब्द जोड़ दें।
प्रारम्भ में ‘मर्ग’ शब्द बोलकर और अन्त में ‘मार’ शब्द रखकर पाश के असंख्य नाम विकसित होते रहते हैं।३१३।
पहले 'पंथ' शब्द का उच्चारण करें और फिर 'कारखान' शब्द का उच्चारण करें।
पहले 'पंथ' शब्द का उच्चारण करने पर, फिर 'कर्षण' और 'आयुध' शब्द जोड़ने पर पाश नाम प्रचलित होता है।314.
पहले 'बट' शब्द का उच्चारण करें, फिर अंत में 'अस्त्र' (शब्द) का उच्चारण करें।
पहले ‘वात’ शब्द बोलकर फिर अंत में ‘हा’ और ‘अस्तर’ शब्द जोड़कर गुणवान लोग पाश का नाम जानते हैं।।३१५।।
पहले 'रह' शब्द का उच्चारण करो, फिर 'रिपु' और 'अस्त्र' शब्द का उच्चारण करो।
‘राश’ कहकर ‘रिपु और अस्तर्’ शब्दों का उच्चारण करने से पाश नाम बनते हैं, जिन्हें बुद्धिमान लोग समझते हैं।।३१६।।
पहले 'धन' शब्द का उच्चारण करें, फिर 'हर्ता' और 'आयुध' शब्द जोड़ें।
प्रारम्भ में ‘धन’ शब्द का उच्चारण करके फिर ‘हरता-आयुध’ बोलने से पाश के सभी नाम ज्ञात होते हैं।।३१७।।
पहले 'माल' शब्द का उच्चारण करें (फिर) अंत में 'काल जल' बोलें।
मुख्यतः ‘माल’ शब्द का उच्चारण करके और अंत में ‘काल जाल’ जोड़कर, प्रतिभाशाली लोग पाश के सभी नाम जानते हैं।।३१८।।
(पहले) 'माया हरण' शब्द का उच्चारण करें, फिर 'आयुध' शब्द बोलें।
पहले ‘माया-हरण’ शब्द का उच्चारण करके और फिर ‘आयुध’ शब्द जोड़कर बुद्धिमान लोग पाश के सब नामों को जान लेते हैं।।३१९।।
मघा', 'पत्था', 'पंधा', 'धनहा', 'दृबहा' (सभी पास नाम) हैं।
"मग-हा, पथ-हा धनहा, द्रव्य-हा आदि," ये सभी पाश के नाम हैं, जिनके भय से कोई भी यात्री मुक्ति नहीं पा सकता।320।
पहले 'बिखिया' (शब्द) बोलें और अंत में 'आयुध' बोलें।
प्रारम्भ में ‘विश्’ शब्द बोलकर फिर ‘आयुध’ जोड़कर मन में पाश के नामों का ठीक-ठीक ज्ञान होता है।।३२१।।
पहले 'बिख' शब्द का उच्चारण करें और फिर 'दैक' और 'अस्त्र' शब्दों का उच्चारण करें।
पहले ‘विश्’ कहकर फिर ‘दायक अस्तर्’ जोड़ने से पाश के सब नाम बनते हैं, जिन्हें बुद्धिमान लोग जानते हैं।।३२२।।
सबसे पहले चंद्रभागा का नाम लें और फिर 'पति' और 'अस्त्र' कहें।
नदी का नाम “चन्द्रभागा” और फिर “पति अस्तार” जोड़कर, प्रतिभाशाली लोग पाश के नामों को पहचानते हैं।323.
(पहले) 'सतुद्रवा नाथ' शब्द का जाप करें और फिर 'अस्त्र' शब्द का जाप करें।
'शतद्रव नाथ' कहकर फिर 'अस्तर विशेष' कहने से पाश के अनेक नाम विकसित होते रहते हैं।324.
पहले 'सतलुज' शब्द बोलें (और फिर) 'इस्रास्त्र' बोलें।
प्रारम्भ में ‘शत्’ शब्द का उच्चारण करके और अन्त में ‘ऐश्रस्त्र’ जोड़कर बुद्धिमान लोग पाश के सम्पूर्ण नामों को पहचान लेते हैं।।325।।
पहले 'बिपासा' (ब्यास) नाम लें, फिर 'एसराष्ट्र' कहें।
प्रारम्भ में नदी का नाम ‘विपाशा’ रखकर फिर ‘ऐश्रस्त्र’ कहने से मन में पाश नाम का ज्ञान होता है।।३२६।।
पहले 'रावी' नदी ('सवि' स्रावी) का उच्चारण करें, फिर 'एस आयुध' श्लोक का पाठ करें।
प्रारम्भ में मुख्यतः ‘रावी’ नदी का नाम लेकर फिर ‘आयुध’ कहकर प्रतिभाशाली लोग पाश के नामों को पहचान लेते हैं।।३२७।।
(पहले) 'सवी' और 'इसरावी' बोलें और फिर 'आयुध' शब्द जोड़ें।
सर्वप्रथम नदियों के स्वामी का नाम लेकर फिर आयुध का उच्चारण करके कविगण पाश के सभी नामों को ठीक से जानते हैं।।328।।
(पहले) 'जल सिंधु' बोलें और फिर 'अ' और 'आयुध' शब्दों का उच्चारण करें।
‘जल सिन्धु ईश’ कहकर और अन्त में ‘आयुध’ कहकर बुद्धिमान लोग पाश का नाम जानते हैं।।३२९।।
पहले 'बिह्ति' शब्द बोलें, फिर 'एसराष्ट्र' (शब्द) बोलें।
प्रारम्भ में ‘विहठ्’ शब्द का उच्चारण करके और अन्त में ‘ऐश्रस्त्र’ कहकर बुद्धिमान लोग पाश के नाम जानते हैं।।३३०।।
पहले 'सिंधु' शब्द बोलें और अंत में 'आयुध' शब्द का उच्चारण करें।
पहले 'सिन्धु' शब्द का उच्चारण करके और अंत में 'आयुध' शब्द कहकर प्रतिभाशाली लोग पाश का नाम जानते हैं।।३३१।।
पहले 'नील' शब्द का उच्चारण करें, फिर 'एसार अस्त्र' का पाठ करें।
पहले 'नीत' शब्द बोलकर फिर 'ईश्रस्त्र' बोलने से पाश नाम की मान्यता होती है।332.
पहले 'असित बारी' शब्द बोलें, फिर 'पति' शब्द बोलें और अंत में 'अस्त्र' शब्द बोलें।
प्रारम्भ में ‘असित्वारि’ शब्द का उच्चारण करके और अन्त में ‘पति अस्तेर’ जोड़कर, हे बुद्धिमानों! पाश के नामों को पहचानो।।३३३।।
पहले 'किस्ना' शब्द का उच्चारण करें और फिर 'आयुध' और 'अस' शब्दों का उच्चारण करें।
पहले ‘कृष्ण’ कहकर फिर ‘आयुध ईश’ कहकर हे बुद्धिमान् लोगों! पाश के नामों को पहचानो।।३३४।।
प्रारम्भ में 'भीम्र' शब्द बोलकर फिर 'एसराष्ट्र' बोलें।