(फिर) 'जय चार नाथ' शब्द जोड़ें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द बोलें।
पहले ‘मयंकसहोदरणानि’ शब्द कहकर अन्त में ‘जाचारनाथशत्रु’ शब्द लगाओ और इस प्रकार हे श्रेष्ठ कवियों! तुम तुपक के सब नाम जान लो।।९४०।।
चौपाई
सर्वप्रथम 'अज (चन्द्रमा) अनुरूपिनि' (शब्द) का जाप करें।
(फिर) 'जा चार पाती' शब्द बोलें।
(फिर) अन्त में 'शत्रु' शब्द का उच्चारण करें।
पहले ‘अर-अनुजननानि’ शब्द बोलकर अन्त में ‘जाचार-पति-शतु’ शब्द लगाओ और तुपक के सब नामों पर विचार करो।।९४१।।
सर्वप्रथम 'निसिस् (चन्द्रमा) अनुज्ञानिनी' (शब्द) का जाप करें।
(फिर) 'जा चार पति' शब्द जोड़ें।
फिर 'शत्रु' शब्द का उच्चारण करें।
पहले ‘निशिषअनुज्जननानि’ शब्द बोलकर ‘जाचारपतिशत्रु’ शब्द जोड़ दें और तुपक के सब नाम जान लें ।।942।।
सबसे पहले 'निसि इस्रान्नि' (चंद्र नदी वाली भूमि, रात्रि देवता चंद्रमा की छोटी बहन) (शब्द) बोलें।
(फिर) 'जा चार पति' शब्द बोलो।
फिर 'शत्रु' शब्द का जाप करें।
पहले ‘निशि-ईश्वराणानिं’ शब्द बोलकर, ‘जाचार-पति-शत्रु’ शब्द जोड़कर तुपक के सभी नामों को पहचाने।।९४३।।
सबसे पहले 'रैनाधिपानी' (रात्रि के स्वामी चंद्रमा से संबंधित नदी चंद्रमा) (शब्द) बोलें।
(फिर) 'जा चार नायक' शब्द जोड़ें।
फिर 'शत्रु' शब्द का वर्णन करें।
पहले ‘रैनाधिप्नि’ शब्द बोलकर ‘जाचार-नायक-शत्रु’ शब्द जोड़ दें और तुपक के सभी नाम जान लें ।।९४४।।
पहले 'रान रत्निनी' (शब्द) बोलें।
(फिर) 'जा चार नायक' शब्द जोड़ें।
फिर 'शत्रु' शब्द का उच्चारण करें।
पहले 'रैन-रत्नानि' शब्द बोलकर 'जाचार-नायक-शत्रु' शब्द जोड़कर सिर हिलाकर तुपक के सभी नाम जान लें।।९४५।।