पहले 'द्रुजां' शब्द का उच्चारण करें (फिर) अंत में 'दर्र्णि' (मजबूत करने वाला) शब्द का उच्चारण करें।
पहले "दुर्जन" शब्द का उच्चारण करके और अंत में "दलनी" शब्द का उच्चारण करके तुपक के नामों को सही ढंग से समझें।670.
पहले 'गोली' शब्द बोलें, फिर 'धरनी' शब्द बोलें।
तुपक के नाम पहले गोली-धरणी शब्द और फिर बकात्रा शब्द के उच्चारण से बनते हैं।671.
पहले 'धूल' शब्द का उच्चारण करें और फिर 'दहनी' (जलना) कहें।
पहले ‘दुष्ट’ शब्द का और फिर ‘दहनी’ शब्द का उच्चारण करने से तुपक नाम बनते हैं, जिन्हें हे बुद्धिमान् पुरुषों! तुम समझ सकते हो।
चौपाई
सबसे पहले 'कष्ट पृष्ठानि' (लकड़ी से बना) शब्द का उच्चारण करें।
यह नाम टुपक से बना है।
फिर 'भूमिज्' (पृथ्वी से उत्पन्न बृच्छ) 'प्रस्थानि' शब्द बोलें।
तुपक के नामों का विचार ‘काष्ठ-प्रस्थानि’ शब्दों के उच्चारण से तथा तत्पश्चात् ‘भूमिज-प्रस्थानि’ शब्दों के योग से किया जा सकता है।
सबसे पहले 'काष्ठि प्रतिष्ठा' का उच्चारण करें।
इन सभी बूंदों के नाम समझें।
फिर 'द्रुमज बसनी' (लकड़ी के साथ रहने वाला बृच्छ का पुत्र) शब्द बोलें।
पहले ‘काष्ठ-प्रस्थानि’ शब्दों का उच्चारण करके, तुपक के सभी नामों का विचार करके, फिर ‘द्रुम-वासनि’ शब्दों को जोड़कर, ‘नालीदार तुपक’ नाम को पहचानो।674।
दोहरा
सर्वप्रथम मुख से 'कस्थि पृष्ठानि' का उच्चारण करें।
पहले ‘काष्ठ-प्रस्थानि’ शब्द का उच्चारण करके और बाद में ‘बकात्र’ शब्द का उच्चारण करके, हे बुद्धिमान पुरुषों! तुपक नाम बनते हैं।
सबसे पहले 'जलज पृष्ठानि' (पानी से बनी लकड़ी की पीठ) बोलें।
तुपक के नाम “जलज-प्रस्थानि” शब्दों के उच्चारण से बनते हैं, जिनका सही अर्थ लगाया जा सकता है।676.
पहले मुंह से 'बर्ज' (जल से उत्पन्न ब्रिच) बोलें और फिर 'प्रस्थान' शब्द जोड़ें।
मुख से “वारिज-प्रस्थानि” शब्द बोलने से तुपक नाम बनते हैं।677.
सबसे पहले मुख से 'नीरजल्यानि' (जल से उत्पन्न भृगु में घर बनाने वाली) मंत्र का जाप करें।
नीलजलत्रणि शब्द के बाद बकत्र शब्द का उच्चारण करने से तुपक नाम बनते हैं।६७८.