इसे तूफांग का नाम समझिए।
तुपक (तुफांग) के नामों को बिना किसी भेदभाव के पहचानें, पहले ‘मरगराज’ शब्द बोलें और फिर ‘अरी’ शब्द जोड़ें।729.
चौपाई
सर्वप्रथम 'मृगराज' शब्द का उच्चारण करें।
इस पिता के साथ 'रिपु' शब्द जोड़ो।
सभी लोग इसे तुपका का नाम मानते हैं।
तू मृगराज शब्द के साथ रिपु शब्द जोड़कर तुपक के सब नामों को समझ और उसमें कोई रहस्य मत समझ।।७३०।।
सबसे पहले 'पासु पाटेस्' (हाथियों का राजा, शेर) शब्द बोलें।
सर्वप्रथम “पशुपतेश” बोलकर तुपक के सभी नामों को समझें
इसे सभी बूंदों का नाम समझो।
और फिर “अरि” शब्द जोड़कर उसमें कोई रहस्य मत समझो।731।
दोहरा
सभी जानवरों के नाम रखने के बाद अंत में 'शत्रु' शब्द जोड़ें।
सभी जानवरों के नाम रखने और फिर अंत में "शत्रु" शब्द जोड़ने से तुपक के सभी नाम विकसित होते चले गए।732.
पहले 'मृग' (पशु) शब्द बोलें और फिर 'पति' बोलें।
प्रारम्भ में ‘मृग’ शब्द बोलकर फिर ‘पति’ शब्द बोलकर और बाद में ‘अरी’ शब्द जोड़कर तुपक (तुफांग) के नामों को ठीक से समझ लेना।
छंद
आरंभ में 'मृग' शब्द बोलें।
उसके बाद 'पति' शब्द जोड़ें।
फिर 'रिपु' शब्द का उच्चारण करें।
पहले ‘मृग’ शब्द का उच्चारण करके फिर ‘पति’ और ‘रिपु’ शब्दों का उच्चारण करने से तुपक के सभी नाम समझ में आ जाते हैं।734.
पहले 'सिंगी' शब्द बोलें।
फिर 'ari' शब्द जोड़ें.
फिर 'अरी' शब्द डालें।
तुपक के नाम की पहचान पहले "शारंगी" (हिरण) शब्द का उच्चारण करके और फिर "अरी" और अरी शब्द जोड़कर की जाती है।735.
छंद बारा
पहले 'पति' शब्द का उच्चारण करें और फिर 'मृग' शब्द जोड़ें।
पहले "पति" शब्द का उच्चारण करें और फिर "म्रग" शब्द का उच्चारण करें और उसके बाद "अरी" शब्द जोड़ते हुए तुपक के नामों को पहचानें
सभी कवियों को अपने मन में विचार करना चाहिए कि इसमें कोई संसार कैसे नहीं है।
हे अच्छे कवियों! इसमें कोई रहस्य नहीं है और इस शब्द का प्रयोग कबीत छंद में कहीं भी न करें।७३६.
चौपाई
सबसे पहले 'हिरण' शब्द को परिभाषित करें।
फिर 'पति' शब्द जोड़ें।
फिर 'अरी' शब्द का उच्चारण करें।
पहले ‘हिरण’ शब्द, फिर ‘पति’ शब्द और उसके बाद ‘अरी’ शब्द बोलकर तुपक के सभी नामों का स्मरण करें।
सबसे पहले 'सिंगी' शब्द का उच्चारण करें।
इसके बाद 'पति' शब्द लीजिए।
फिर 'शत्रु' शब्द का जाप करें।
“श्रंगी” शब्द बोलकर और फिर “पति” और “शत्रु” शब्द जोड़कर तुपक के सभी नामों को पहचानें।७३८.
सबसे पहले 'कृष्णाजिन' (काला और सफेद हिरण) का जाप करें।
फिर 'पति' शब्द जोड़ें।
इसे सभी बूंदों के नाम के रूप में सोचें।
‘कृष्ण-अर्जुन’ शब्द का उच्चारण करने के बाद ‘पति’ शब्द जोड़ दें, तब तुपक नामों को बिना किसी भेद के पहचान लें।।७३९।।
दोहरा
पहले मुख से 'नैनोत्तम' (उत्तम सींगों वाला मृग) शब्द का उच्चारण करें।
सर्वप्रथम अपने मुख से ‘नयनोतम’ शब्द बोलो और फिर ‘पति अरि’ शब्द कहकर तुपक के सभी नामों को समझो।
चौपाई
सबसे पहले 'स्वेतास्वेत तानि' (काले और सफेद रंग का, मृग) का जाप करें।