(फिर) 'अरी' शब्द बोलो और बूँद का नाम लो।
देहदा शब्द बोलकर चार बार पति शब्द जोड़ें और फिर अंत में अरि शब्द जोड़कर झूला छंद में तुपक के नामों का मुस्कुराते हुए प्रयोग करें।1274.
सर्वप्रथम 'प्राणदत' (अमृत) शब्द का उच्चारण करें।
(फिर) 'नृप' शब्द चार बार जोड़ें।
इसके अंत में 'ari' शब्द बोलें।
पहले प्राण्डत शब्द बोलकर चार बार नृप शब्द जोड़कर अंत में अरि शब्द जोड़कर तुपक के सभी नाम जान लें।।१२७५।।
अधिचोल
सबसे पहले मुख से 'जरा' शब्द का उच्चारण करें।
फिर 'रिपु' बोलें और 'निरिप' शब्द का चार बार प्रयोग करें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द बोलें।
मुख से जरा शब्द बोलकर पहले रिपु शब्द और फिर नृप शब्द चार बार जोड़कर अंत में धातृ शब्द जोड़कर तुपक नाम जानें।।1276।।
सबसे पहले 'दृढ़ता' शब्द का उच्चारण करें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द बोलें।
इसके बाद 'शत्रु' शब्द का उच्चारण करें।
पहले वृद्धत्त शब्द बोलकर पीछे शत्रु शब्द लगाओ और पुनः शत्रु शब्द लगाओ, तब तुपक के सभी नाम जान लो।।१२७७।।
चौपाई
पहले शब्द का उच्चारण करें।
इसके अंत में 'हरि' शब्द जोड़ें।
(फिर) मुख से 'अरी' शब्द का उच्चारण करो।
“जरा” शब्द का उच्चारण करके उसमें “हरि” शब्द जोड़ दे और फिर मुख से “अरि” शब्द का उच्चारण करके तुपक के सभी नामों को प्रामाणिक रूप से जान ले ।।१२७८।।
अधिचोल
सबसे पहले 'आलस्य' शब्द का उच्चारण करें।
(फिर) 'नृप' शब्द को चार बार जोड़कर (अन्त में) 'हरि' शब्द जोड़ दें।
इसे सभी बूंदों का नाम समझिए।
“आलस्य” शब्द कहकर “नृप” शब्द को चार बार और “अरि” शब्द को चार बार जोड़ें और इस प्रकार तुपक के सभी नामों को जान लें और पादहारी छंद में निर्भय होकर उनका प्रयोग करें।।1279।।
पहले मुंह से बोलें 'तरुण दन्त' (बुढ़ापा जवानी को काट रहा है)।
फिर 'अरि' शब्द बोलकर 'नृप' शब्द को चार बार जोड़ें।
(फिर) ‘अरि’ शब्द कहकर हृदय में स्थित बूँद का नाम समझो।
महीने से "तरुन्दन्त" शब्द बोलते हुए, "अरि" शब्द जोड़ें, फिर "नृप" शब्द का चार बार उच्चारण करें और "अरि" शब्द जोड़ते हुए रुआला छंद में तुपक के नामों का वर्णन करें।१२८०।
सबसे पहले 'जोबनंत अन्ताक' छंद का उच्चारण करें।
(फिर) इसमें 'नृप' शब्द चार बार जोड़ो।
(फिर) 'अरि' कहकर इसे बूंद के नाम के रूप में पहचानें।
“योवनान्तक” शब्द बोलते हुए, “नृप” शब्द चार बार जोड़ें और फिर “अरि” शब्द जोड़ें और तुपक के नामों को पहचानें, उन्हें चौपाई छंद में प्रयोग करें। १२८१।
पहले मुख से 'तरुण दन्त अरि' शब्द बोलें।
(फिर) इसमें 'नृप' शब्द चार बार जोड़ो।
अपने मन में हर बूँद का नाम जानो।
“तरुन्दन्त अरि” शब्द बोलते हुए चार बार “नृप” शब्द जोड़ें और इस प्रकार दोहरा छंद में तुपक के नामों का सचेतन प्रयोग करें।1282.
सबसे पहले 'जोबनारी अरी' शब्द की व्याख्या करें।
(फिर) इसमें 'नृप' शब्द चार बार जोड़ो।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द बोलें।
“योवनारी अरी” शब्द बोलकर चार बार “नृप” शब्द जोड़ें और अंत में “शतुर” शब्द बोलकर तुपक के सभी नाम जानें।।१२८३।।
सर्वप्रथम 'अरि' शब्द का उच्चारण 'चतुर्थ अवस्था' (वृद्धावस्था) से करें।
इसमें (पुनः) 'नृप' शब्द चार बार जोड़ दीजिए।
फिर अंत में 'शत्रु' शब्द बोलें।
“चतुरथ अवस्था अरि” शब्द कहकर चार बार “नृप” शब्द जोड़कर अन्त में “शत्रु” शब्द बोलकर तुपक के सब नाम जान लें।।१२८४।।
पहले 'जम्पसी' के नाम का उच्चारण करें।
(फिर) 'हरि' शब्द बोलकर चार बार 'नृप' शब्द जोड़ दें।
(अंत में) कवि! 'अरी' शब्द लगाकर बूँद का नाम बोलो।