प्रारम्भ में ‘साबजनी’ शब्द बोलकर अन्त में ‘रिपु अरि’ शब्द जोड़ने से पाश नाम बनते हैं, जिन्हें हे कवियों! ठीक से समझो।।४४३।।
पहले 'मातंगनी' (हाथी-सेना) शब्द बोलें और अंत में 'रिपु अरि' शब्द बोलें।
प्रारम्भ में ‘मातंगनी’ शब्द बोलकर अन्त में ‘रिपु अरि’ शब्द जोड़ने से पाश के असंख्य नाम बनते रहते हैं।४४४।
पहले 'तुरंगणी' (घुड़सवार सेना) शब्द बोलें, फिर अंत में 'रिपु अरि' शब्द बोलें।
प्रारम्भ में ‘तुरंग्नि’ शब्द बोलकर अन्त में ‘रिपु अरि’ शब्द जोड़ने से पाश नाम बनते हैं।
पहले 'हस्तनि' (हाथियों की सेना) शब्द बोलें, फिर 'रिपु अरि' बोलें।
प्रारम्भ में ‘हस्तनि’ शब्द बोलकर फिर ‘रिपु अरि’ शब्द जोड़ने से हे बुद्धिमान् पुरुषों! पाश नाम बनते हैं।।४४६।।
पहले 'दंतनि' (दंतधारी हाथियों की सेना) शब्द बोलें, फिर अंत में 'रिपु अरि' शब्द बोलें।
४४७. प्रारम्भ में ‘दन्तनि’ शब्द बोलकर अन्त में ‘रिपु अरि’ जोड़ने से पाश के नाम बनते हैं, जिन्हें हे बुद्धिमान् पुरुषों! तुम पहचान सकते हो।
सबसे पहले 'दुरदानी' (हाथियों की सेना) शब्द का उच्चारण करें और अंत में 'मुरदानी' (मारने वाला) शब्द का उच्चारण करें।
पहले ‘दुरदानी’ शब्द बोलकर अंत में ‘मुरदानी’ जोड़ने से पाश नाम बनते हैं।448.
पहले 'पद्मनी' (हाथी सेना) शब्द का उच्चारण करके अंत में 'रिपु अरि' शब्द जोड़ें।
प्रारम्भ में ‘पद्मनि’ शब्द बोलकर फिर ‘रिपु अरि’ जोड़ने से पाश नाम बनते हैं।।४४९।।
पहले 'ब्याल' (हाथी सेना) शब्द बोलें, फिर 'रिपु अरि' शब्द बोलें।
प्रारम्भ में ‘बाला’ शब्द कहकर फिर ‘रिपु अरि’ जोड़कर हे श्रेष्ठ कवियों! पाश के नाम पहचानो।।४५०।।
पहले 'कुंजरी' (हाथी सेना) शब्द बोलें, फिर अंत में 'रिपंतक' (शत्रु का नाश करने वाला) बोलें।
प्रारम्भ में 'कुंजर' शब्द बोलकर अन्त में 'पंतक' शब्द जोड़ने से पाश नाम बनते हैं।451.
पहले 'इम्भि' (गज सेना) शब्द बोलें और फिर 'रिपु अरि' शब्द बोलें।
प्रारम्भ में ‘हसीतनि’ शब्द बोलकर फिर ‘रिपु अरि’ जोड़कर हे कुशल लोगों! पाश नाम बनते हैं।।४५२।।
पहले 'कुम्भाणी' (हाथी-सेना) शब्द बोलें, फिर अंत में 'रिपु अरि' शब्द जोड़ें।
प्रारम्भ में ‘कुम्भाणी’ शब्द बोलकर फिर ‘रिपु अरि’ कहने से पाश नाम बनते हैं।।४५३।।
पहले 'करनी' (हाथी सेना) शब्द का उच्चारण करें और अंत में 'रिपु अरि' कहें।
प्रारम्भ में ‘करिणी’ शब्द बोलकर फिर ‘रिपु अरि’ जोड़कर हे बुद्धिमानों! पाश नाम बनते हैं।।४५४।।
पहले 'सिंधुरी' (गज सेना) शब्द बोलें और अंत में 'रिपु अरि' बोलें।
प्रारम्भ में ‘सिंधुरी’ शब्द बोलकर अन्त में ‘रिपु अरि’ कहकर पाश के नामों का विकास होता रहता है।।४५५।।
पहले 'अंकापि' (हाथी-सेना) शब्द बोलें और अंत में 'रिपु अरि' बोलें।
पहले ‘अंकापि’ शब्द बोलकर फिर अंत में ‘रिपु अरि’ शब्द लगाने से पाश का नाम ठीक से जाना जाता है।456.
पहले 'नाग्नि' (हाथी-सेना) कहकर अंत में 'रिपु अरि' शब्द जोड़ें।
हे बुद्धिमान् पुरुषों! पहले ‘नागिनी’ शब्द कहकर फिर ‘रिपु अरि’ शब्द जोड़कर पाश के नाम विकसित होते रहते हैं।।४५७।।
पहले 'हरिणी' (हाथी दल) शब्द बोलें (फिर) अंत में 'रिपु अरि' शब्द बोलें।
प्रारम्भ में “हरनि” शब्द कहकर फिर “रिपु अरि” जोड़कर हे बुद्धिमान पुरुषों! पाश के नामों को समझो।।४५८।।
सबसे पहले 'मातंगनी' (हाथी-सेना) पद का जप करें, फिर अंत में 'रिपु अरि' पद का जप करें।
प्रारम्भ में ‘मातंगनि’ शब्द कहकर अन्त में ‘रिपु अरि’ शब्द जोड़कर हे श्रेष्ठ कवियों! पाश के नामों को ठीक से जानो।।४५९।।
पहले 'बाजिनी' (घुड़सवार सेना) शब्द बोलें और अंत में 'रिपु अरि' शब्द जोड़ें।
प्रारम्भ में ‘बाजनि’ शब्द बोलकर अन्त में ‘रिपु अरि’ शब्द लगाने से पाश नाम बनते हैं, जिन्हें हे प्रतिभावान व्यक्तियों! सत्य ही समझो।।460।।
शास्त्र नाम-माला पुराण के चौथे अध्याय “पाश के नाम” का समापन।
अब तुपक के नामों का वर्णन शुरू होता है
दोहरा
पहले 'बहिनी' शब्द बोलें और अंत में 'रिपु अरि' शब्द बोलें।
'वाहिनी' शब्द का उच्चारण करने और फिर अंत में 'रिपु अरि' शब्द जोड़ने से तुपक नाम बनते हैं, जिन्हें हे कवियों! तुम लोग समझ सकते हो।।४६१।।
सबसे पहले 'सिंधवाणी' (घुड़सवार सेना) शब्द बोलें और अंत में 'रिपानी' शब्द का उच्चारण करें।
प्रारम्भ में ‘सिन्धवाणी’ शब्द का उच्चारण करने से और अन्त में ‘रिपुणि’ शब्द का उच्चारण करने से तुपक नाम बनते हैं।462.
पहले 'तुरंगनी' (घुड़सवार सेना) बोलें और अंत में 'रिपु अरि' बोलें।
प्रारम्भ में ‘तुरंग्नि’ शब्द का उच्चारण करके अन्त में ‘रिपु अरि’ कहने से तुपक नाम बने।463.
पहले 'हैनी' (घुड़सवार सेना) बोलें और अंत में 'हा अरी' जोड़ें।
हे बुद्धिमान् पुरुषों! ‘हयानि’ शब्द के साथ ‘हा’ शब्द जोड़ने से तुपक नाम बनते हैं।।४६४।।
पहले 'अरबानी' शब्द बोलें और अंत में 'रिपु अरि' शब्द बोलें।
प्रारम्भ में ‘अरबानि’ शब्द बोलकर अन्त में ‘रिपु अरि’ जोड़ने से तुपक नाम बनते हैं।465.