वह लेखाहीन, छद्मवेशहीन और अजन्मा सत्ता है।
वे सदा शक्ति और बुद्धि देने वाले हैं, वे परम सुन्दर हैं। २.९२।
उसके स्वरूप और चिन्ह के विषय में कुछ भी ज्ञात नहीं हो सकता।
वह कहाँ रहता है? किस वेश में घूमता है?
उसका नाम क्या है? उसे किस स्थान के बारे में बताया गया है?
उसका वर्णन किस प्रकार किया जाये? कुछ भी नहीं कहा जा सकता।
वह रोग रहित, शोक रहित, आसक्ति रहित और माता रहित है।
वह कर्म रहित, माया रहित, जन्म रहित और जाति रहित है।