कई तरह के लोग इकट्ठे होकर तरह-तरह की अफवाहें फैलाएंगे
एक महीने, दो महीने या आधे महीने तक वे अपना मतदान कराएंगे।
ये नये धर्म एक-दो महीने या आधे महीने तक ही चलेंगे और अन्ततः पानी के बुलबुले बनकर समाप्त हो जायेंगे।19.
वेदों और शास्त्रकारों दोनों की राय में, आरोप खारिज कर दिए जाएंगे।
वेद और कतेबों के धर्मों में दोष ढूंढ़कर उन्हें त्याग दिया जाएगा और लोग अपनी-अपनी रुचि के अनुसार मंत्र और यंत्रों का जाप करेंगे।
वे किसी को भी अपने मुख से वेद और कटब का नाम नहीं लेने देंगे।
लोगों को वेदों और कतियों का नाम लेने की अनुमति नहीं होगी और कोई भी दान में एक कौड़ी भी नहीं देगा।
वे अपना धर्म कहां भूलेंगे और पाप करेंगे।
धर्म के कार्यों को भूलकर पाप कर्म किए जाएंगे तथा पुत्र या मित्र को मारकर भी धन की प्राप्ति होगी
दिन-प्रतिदिन अलग-अलग राय उभरेंगी।
नये-नये धर्म सदैव उत्पन्न होंगे और ये धर्म प्रभु के नाम के बिना खोखले होंगे।21.
कुछ चटाई एक दिन तक चलेगी, कुछ दो दिन तक चलेगी।
कुछ धर्म एक-दो दिन तक चलते हैं और तीसरे दिन सत्ता के बल पर जन्म लेने वाले ये धर्म अपनी मौत मर जाते हैं
फिर और भी मैट होंगे जो चौथे दिन ख़त्म होंगे।
चौथे दिन फिर नये धर्म उत्पन्न होंगे, परन्तु वे सब मोक्ष के विचार से रहित होंगे।22.
पुरुष और स्त्रियाँ यहाँ-वहाँ छल-कपट के काम करेंगे
अनेक मंत्र, यंत्र और तंत्र सामने आएंगे
छतरी लोग अपने धार्मिक छत्र उतारकर धर देंगे और मैदान छोड़कर भाग जाएंगे।
क्षत्रिय धर्मों की छत्रछाया छोड़कर युद्ध से भागेंगे तथा शूद्र और वैश्य अस्त्र-शस्त्र पकड़कर युद्धस्थल में गरजेंगे।23।
क्षत्रियों के कार्य छोड़कर राजा लोग अपमानजनक कार्य करेंगे।
रानियां, राजाओं को छोड़कर, निम्न सामाजिक वर्गों में शामिल हो जाती हैं
शूद्र ब्राह्मणों की लड़कियों के साथ समागम करेंगे और ब्राह्मण भी वैसा ही करेंगे।
वेश्याओं की पुत्रियों को देखकर बड़े-बड़े ऋषिगण अपना धैर्य खो देंगे।24।
धर्मों की इज्जत उड़ जाएगी, कदम-कदम पर पाप कर्म होंगे