(अपनी पत्नी से) विवाह नहीं करेगा।
पुत्रत्व का आनंद लेंगे
वे अपनी पत्नियों के साथ भोग विलास में लीन न होकर, इन दुष्ट पुत्रियों के साथ मैथुन करेंगे।
समाज के साथ रहना
शर्म त्याग के लिए सारा समाज भागेगा
धर्म घटेगा
अधर्म बढेगा और धर्म घटेगा।१०१।
धार्मिक महिलाओं को छोड़कर बुरी महिलाओं के साथ
धर्म को त्यागकर लोग वेश्याओं के साथ भोग विलास करेंगे।
भ्रम बढ़ेगा
भ्रम बढ़ेंगे और धर्म भाग जाएगा।102।
विभिन्न देशों में
राजा पापी होंगे।
कोई भी धर्मी (व्यक्ति) नहीं रहेगा।
सम्पूर्ण देशों में पापी राजाओं के बीच कोई भी धर्म का पालन करने वाला नहीं बचेगा।103.
साधु की मृत्यु भय से हुई
संतगण अपने भय के कारण यहां-वहां उदास नजर आएंगे
पापियों का राज होगा
पाप सब घरों में राज्य करेगा।104.
हरिगीत छंद
कहीं द्रोणागिरी पर्वत की चोटी जैसा बहुत बड़ा पाप होगा
सभी लोग धर्म का परित्याग कर देंगे और भ्रम की चमकती रोशनी में रहेंगे
कहीं शूद्र योद्धाओं से सुसज्जित होकर पृथ्वी पर विजय प्राप्त करेंगे और कहीं क्षत्रिय अस्त्र-शस्त्र त्यागकर इधर-उधर भागते फिरेंगे॥
विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का प्रचलन रहेगा।105.