पहले 'अहंकारनि' (शब्द) का उच्चारण करें।
(फिर) 'सुत चार पति' शब्द जोड़ें।
फिर 'शत्रु' शब्द बोलें।
पहले ‘अहंकारिणी’ शब्द कहकर ‘सच्चर-पति-शत्रु’ शब्द बोले और तुपक के सब नाम जान ले ।।१०४४।।
सबसे पहले 'पियानिनि' (नदी भूमि) शब्द का उच्चारण करें।
(फिर) 'सुत चार पति' शब्द जोड़ें।
इसके अंत में 'रिपु' शब्द का उच्चारण करें।
पहले ‘पी-अनिन’ शब्द बोलकर ‘सत्चार-पति-रिपु’ शब्द बोलें और तुपक के नाम जानें ।।१०४५।।
दोहरा
पहले 'ढिकानी' (सेना) का पाठ करें (फिर) अंत में 'रिपु' शब्द का उच्चारण करें।
पहले “पिखानि” शब्द बोलकर अंत में “रिपु” शब्द लगा दे और तुपक के सभी नाम ठीक से जान ले ।।१०४६।।
पहले 'मेधानी' (सेना) (शब्द) बोलें और अंत में 'रिपु' शब्द बोलें।
पहले ‘मेधानि’ शब्द बोलकर और अंत में ‘रिपु’ शब्द बोलकर, तुपक के सभी नामों का विकास होता रहता है।।१०४७।।
पहले 'सेमुखिनी' शब्द बोलें और अंत में 'अरी' शब्द बोलें।
प्रारम्भ में ‘सेमुखानी’ शब्द और अन्त में ‘अरि’ शब्द कहकर हे बुद्धिमान पुरुषों! तुम तुपक के सब नामों को जानो ।।१०४८।।
पहले 'मणिखणी' (सेना) शब्द बोलें और फिर 'रिपु' शब्द का उच्चारण करें।
पहले मणिखान शब्द और उसके बाद रिपु शब्द बोलकर तुपक के नामों को ठीक से जानना चाहिए।।१०४९।।
पहले 'बुधानी' (सेना) (शब्द) बोलें और अंत में 'अरी' शब्द जोड़ें।
प्रारम्भ में ‘बुद्धनि’ शब्द और अन्त में ‘अरि’ शब्द कहकर, हे बुद्धिमान पुरुषों! तुपक के नामों को पहचानो ।।१०५०।।
चौपाई
सबसे पहले 'भानि' (सेना) (शब्द) का उच्चारण करें।
(फिर) उसके अन्त में 'रिपु' शब्द का उच्चारण करें।
इसे सभी बूंदों का नाम समझो।
प्रारम्भ में ‘भानि’ शब्द और अन्त में ‘रिपु’ शब्द कहे तथा बिना किसी भेदभाव के तुपक के सब नामों को जाने।।१०५१।।
दोहरा
पहले 'भानि' (सेना) शब्द बोलें और अंत में 'रिपु' शब्द का उच्चारण करें।
प्रारम्भ में ‘आभानि’ शब्द और अन्त में ‘रिपु’ शब्द बोलो तथा किंचित मात्र भी भेद रहित होकर तुपक नामों को जानो ।।१०५२।।
अधिचोल
सबसे पहले 'सोभानी' (सेना) शब्द का उच्चारण करें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द बोलें।
(इसे) सभी चतुर बूंदों का नाम कहा जाना चाहिए।
पहले ‘शोभनी’ शब्द बोलकर अंत में ‘शत्रु’ शब्द लगा दें और किंचित मात्र भी भेद न करके तुपक के नाम जान लें ।।१०५३।।
पहले अपने मुख से 'प्रभा धरनी' (सेना) शब्द बोलो।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द जोड़ें।
उनका उपनाम टुपक का नाम बन गया।
अपने मुख से “प्रभाधरणी” शब्द कहकर अन्त में “शत्रु” शब्द लगाओ और किंचित मात्र भी भेद न करके तुपक के नामों को जानो ।।१०५४।।
सबसे पहले मुख से 'सुखमणी' (सेना) शब्द का उच्चारण करना चाहिए।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द जोड़ा जाना चाहिए।
अपने मन में एक बूँद का नाम समझो।
सुखमनी शब्द बोलो फिर शत्रु शब्द जोड़ो और तुपक के सभी नाम बिना किसी अंतर के जान लो ।।१०५५।।
चौपाई
सर्वप्रथम 'धीमनी' (सेना) पद का पाठ करें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द जोड़ें।
इसे सभी बूंदों का नाम समझो।
प्रारम्भ में ‘धर्मन्’ शब्द और अन्त में ‘शत्रु’ शब्द बोलो, तथा तुपक के सब नामों को किंचितमात्र भी भेद रहित जान लो ।।१०५६।।
सबसे पहले 'क्रांति' (सेना) शब्द का उच्चारण करें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द जोड़ें।
इसे सभी बूंदों का नाम समझो।