मोहन अस्त्र से अनेकों को मोहित (अशुद्ध) किया
और वरुण ने अपने अस्त्र से कई लोगों की जान ले ली।
अगन ने आग फेंकी और कई (योद्धाओं) को जला दिया।
असंख्य योद्धा यमलोक में पहुंचा दिये गये।191.
जिस पर महान युग ने तलवार से प्रहार किया,
उसने (उस) योद्धा को दो टुकड़ों में काट डाला (अर्थात् उसे दो टुकड़ों में काट डाला)।
अगर उन दो आदमियों पर थोड़ी सी तलवार फेंकी जाती
इसलिए उन्होंने दो-चार टुकड़े काट लिये। 192.
कितने योद्धा विलाप कर रहे थे।
(उनका) मांस गीदड़ और गिद्ध ले जा रहे थे।
कहीं भैरो आकर चिल्ला रहा था
और कहीं मसान (भूत) चीख रहे थे। 193.
कितने नायक फिर से आने को तैयार थे
और वे दसों दिशाओं में 'मारो मारो' चिल्ला रहे थे।
जो भी (अस्त्र) महान युग पर प्रहार करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है,
वह भटककर जमीन पर गिर जाता था। 194.
अनगिनत दिग्गजों को क्रोधित करके
तब वे महाकाल पर आक्रमण कर रहे थे।
वे उस महान आयु के साथ एक रूप बन जाते थे
और उसी में लीन हो जाते थे।195.
जैसे कोई पानी पर पानी डालता है
तो वह उसी में लीन हो जाता है।
फिर कोई उसे पहचान नहीं सकेगा
कौन सा पहला पानी था और कौन सा मेरा पानी है। 196.
इस प्रकार जब (महायुग में) सभी अस्त्र-शस्त्र लीन हो गये,
तब दिग्गज बहुत क्रोधित हो गए।
वे मन ही मन बहुत डर गए
और हथियार और कवच के साथ आया था। 197.
क्रोधित होकर राक्षसों ने अपने मुख से अग्नि उगल दी,
उनसे धनुर्धारी पठानों का जन्म हुआ।
फिर उन्होंने अपने मुँह से आग निकाली,
मुगल उनसे पैदा हुए और जीवित रहे। 198.
तब उन्होंने राहत की सांस ली,
उनसे क्रोधित सैय्यद और शेख पैदा हुए।
उसने अपने हाथों में हथियार और कवच ले लिए
और घोड़ों को नचाते हुए वे मैदान में दौड़े। 199.
खान और पठान क्रोधित हो गए
और वे अपने हाथों में नंगी तलवारें लेकर आये।
वे महान युग पर आक्रमण करते थे,
परन्तु वे उसका एक बाल भी बाँका न कर सके। 200.
शराब के नशे में पूरी तरह डूबा हुआ
बेशुमार खां आया और गुस्से में चला गया।
सैनिकों (योद्धाओं) के असंख्य समूह उठ खड़े हुए।
मैं तुम्हें उनके नाम बताता हूँ। 201.
नाहर खान, झरझर खान,
निहंग खान, भारंग (खान)
और झरंग खान (मूल लड़ाकू योद्धा)
वे अपने हाथों में असंख्य शस्त्र लेकर युद्धभूमि में आये। 202.