अधिचोल
पहले 'तिमर नास करि भगनिनि' (शब्द) बोलें।
(फिर) 'सुत चार नाथ' शब्द जोड़ें।
फिर उसके अंत में 'रिपु' पद का उच्चारण करें।
“तिमिर-नाश-भग्निं” शब्द कहते हुए, “सत्चार-नाथ-रिपु” शब्द बोलो और तुपक के सभी नामों को जानो।।१०१०।।
पहले 'उदग (तारा) राज भगणिनी' (शब्द) कहें।
(फिर) 'सुत चार नाथ' शब्द जोड़ें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द का उच्चारण करें।
‘उरग-राज’ शब्द कहते हुए पहले ‘भग्निं’ शब्द का उच्चारण करें और फिर ‘सत्चार-नाथ-शत्रु’ का उच्चारण करें और इस प्रकार तुपक के सभी नामों को जानें ।।१०११।।
चौपाई
सबसे पहले 'उद्गीस भगणिनी' श्लोक बोलें।
(फिर) 'सुत चार नायक' शब्द जोड़ें।
इसके अंत में 'अरी' पद का पाठ करें।
‘उर्गेशभग्निनी’ शब्द कहते हुए ‘सच्चरनायक अरि’ शब्द जोड़ दो, फिर मन में तुपक के सब नाम जानो ।।१०१२।।
सबसे पहले 'उदग नाथ भगानी' (शब्द) का जाप करें।
(फिर) 'सुत चार पति' श्लोक जोड़ें।
इसके अंत में 'रिपु' शब्द का उच्चारण करें।
‘उरग्नाथ’ कहकर ‘भगिनी’ शब्द बोलो, फिर ‘सच्चर-पति-रिपु’ शब्द जोड़ो और तुपक के सभी नाम जान लो ।।१०१३।।
सबसे पहले 'उदग नृपति भगनिनि' (शब्द) का पाठ करें।
(फिर) 'सुत चार नायक' शब्द जोड़ें।
इसके अंत में 'अरी' शब्द का उच्चारण करें।
“उरग-न्रपति”, और “भगिनी” शब्द कहकर, फिर “सत्चार-नायक-शत्रु” शब्द बोलकर तुपक के सब नाम जान ले ।।१०१४।।
पहले 'उदग निरपति भगनि' (शब्द) बोलें।
(फिर) 'सुत चार नायक' शब्द जोड़ें।
(फिर) इसके अन्त में 'शत्रु' शब्द बोलें।
‘उरग्न्रपति’ कहकर ‘भगानि’ शब्द बोलें, फिर ‘सत्चर-नायक-शत्रु’ शब्द बोलें और तुपक के नाम जानें ।।१०१५।।
अधिचोल
सर्वप्रथम 'उद्ज्ञेस भगणिनी' शब्द का पाठ करें।
(फिर) 'सुत चार नाथ' शब्द जोड़ें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द का उच्चारण करें।
“उरग-ईश-भग्निं” कहकर “सत्चार-नाथ-शत्रु” शब्द बोलो और तुपक के सभी नाम जानो ।१०१६।
सबसे पहले 'उदपति भगनिनि' (शब्द) का जाप करें।
(फिर) 'सुत चार नाथ' शब्द जोड़ें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द बोलें।
“उरपतिभग्निं” शब्द बोलते हुए “सत्चारनाथशत्रु” शब्द जोड़ें और तुपक के सभी नाम जानें।१०१७।
चौपाई
सबसे पहले 'उदग भूपनि भूपि' का पाठ करें।
फिर 'सतु चार नायक' श्लोक जोड़ें।
फिर 'शत्रु' शब्द का उच्चारण करें।
“उरग-भूपाणि-भूप” शब्द बोलकर “सत्चार-नायक-शत्रु” शब्द जोड़ें और तुपक के नाम जानें ।।१०१८।।
सबसे पहले 'तारापति भगनिनि' का पाठ करें।
(फिर) 'सुत चार नायक' स्थिति धारण करें।
फिर 'शत्रु' शब्द का उच्चारण करें।
“तारापतिभग्निं” शब्द कहते हुए “सत्चारनायकशत्रु” शब्द बोले तथा तुपक के नाम जाने।।१०१९।।
(प्रथम) 'तरेसर भगनि' (शब्द) का जाप करें।
(फिर) 'सुत चार नायक' शब्द जोड़ें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द बोलें।
‘तारेश्वर’ कहकर ‘भगिनी’ शब्द जोड़ें, फिर ‘सत्कार-नायक-शत्रु’ शब्द जोड़ें और तुपक के नाम जानें ।।१०२०।।