चौपाई
तभी दूत बैरम खां के पास आया।
दूत बैरम के पास आया और अपना गुस्सा प्रदर्शित किया।
(फ़रिश्ते ने कहा) हे भगवान! आप कैसे बैठे हैं?
'तुम, बदकिस्मत, बेकार बैठे हो और दुश्मन अपनी बंदूकें लेकर यहां खड़ा है।'(4)
यह सुनकर बैरम खां बहुत डर गया।
बैरम डर गया और उसने भागने का फैसला किया।
तभी पठानी उसके पास आया।
तब पठानी ने आगे आकर उससे कहा,(5)
दोहिरा
'तुम्हारे पिता पूरी दुनिया में प्रसिद्ध थे,
'लेकिन तुम इतने कायर हो कि लड़ाई से भाग रहे हो।'(6)
चौपाई
(तुम) मुझे अपनी पगड़ी दो
'अपनी पगड़ी मुझे दे दो और मेरी सलवार ले लो।' 'जब मैं
जब मैं तुम्हारा कवच पहनता हूँ
अपने कपड़े पहन लो, मैं दुश्मन को काट डालूँगा'(7)
ऐसा कहकर उसने अपने पति को मुसीबत में डाल दिया
ऐसा घोषित करने के बाद उसने अपने पति को कालकोठरी में डाल दिया।
(उस पठानी ने) कवच पहनकर पुरुष का वेश धारण कर लिया
उसने हथियार बाँध लिए, पुरुष का वेश धारण कर लिया और हथियार बाँधकर युद्ध के नगाड़े बजाने लगी।(८)
दोहिरा
सेना के साथ, उसने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया और घोषणा की,
'बैरम खान ने मुझे उसके लिए लड़ने के लिए नियुक्त किया है।'(9)
चौपाई
(वह) पूरी सेना के साथ ऊपर गया
उसने अपनी सेना के माध्यम से आक्रमण किया और शत्रु सेना को घेर लिया।
(और शत्रु दल कहने लगा कि) बैरम खां ने एक सेवक (लड़ने के लिए) भेजा है।
और (उसने) बैरम खान का वेश धारण करके एक संदेशवाहक से कहा, 'पहले मुझे जीतो, फिर आगे बढ़ो।'(10)
यह सुनकर सभी योद्धा क्रोध से भर गए।
यह सुनकर सभी सैनिक क्रोधित हो गए,
वह दसों दिशाओं (अर्थात् चारों ओर से) से घिरा हुआ था।
और उन्होंने अपने कमानों में तीर लगाकर उन्हें घेर लिया।(11)
दोहिरा
हाथ में तलवार, पाश, ढाल, गुरज, गोफना आदि धारण किये हुए थे।
योद्धा भालों से घायल होकर भूमि पर गिर पड़े। 12.
भुजंग छंद
अरबों योद्धा अपने हाथों में हथियार लेकर आये
हाथों में भाले लेकर वे आये और शत्रु पर आक्रमण कर दिया।
वह बहुत क्रोधित हुआ और उस महिला के पास गया
क्रोध में उन्होंने उस महिला पर बाणों की वर्षा की और हत्या हर दिशा में फैल गई।(13)
सवैय्या
झंडे लहराते हुए वे ढोल की थाप के साथ आगे बढ़े।
वे ढालें उठाकर चिल्लाने लगे, 'उन्हें मार दो, उन्हें मार दो।'
छापे के बाद छापे, आग की चिंगारियाँ पैदा हुईं,
जैसे लोहार के यहाँ गरम लोहे को पीटने से उत्पन्न होते हैं।(14)
भुजंग छंद
चालें, खेल, मेले,