कोई मुठ्ठी मरोड़कर लड़ रहा है तो कोई बाल पकड़कर लड़ रहा है
कोई युद्ध के मैदान से भाग रहा है तो कोई आगे बढ़ रहा है
कोई करधनी से लड़ रहा है तो कोई भाले से वार करके लड़ रहा है
कवि श्याम कहते हैं कि केवल वे ही लोग लड़ते हैं, जो अपनी कुल-परम्परा का विचार करते हैं।1192.
आठों राजा अपनी-अपनी सेना के साथ श्रीकृष्ण के पास आये हैं।
आठों राजा अपनी सेनाओं सहित युद्ध भूमि में श्रीकृष्ण पर टूट पड़े और बोले, "हे कृष्ण! आप निर्भय होकर हमारे साथ युद्ध कीजिए।"
तब राजाओं ने अपने-अपने धनुष हाथ में लिए और झुककर कृष्ण पर बाण चलाए।
उन्होंने अपने धनुष खींचकर कृष्ण की ओर बाण छोड़े और कृष्ण ने अपना धनुष उठाकर उनके बाणों को रोक लिया।1193.
तब शत्रुओं की सेना एकत्रित हुई और क्रोधित होकर श्रीकृष्ण को चारों दिशाओं से घेर लिया।
शत्रु सेना ने क्रोध में आकर कृष्ण को चारों ओर से घेर लिया और कहा, "योद्धाओ! तुम सब लोग एक होकर कृष्ण को मार डालो।"
इसी कारण बलवान धन सिंह, अचल सिंह और अन्य राजाओं की हत्या हुई।
'यही वह है, जिसने धनसिंह, अचलेशसिंह आदि राजाओं को मारा है,' ऐसा कहकर उन्होंने कृष्ण को इस प्रकार घेर लिया, जैसे अनेक हाथी सिंह को घेर लेते हैं।1194.
जब कृष्ण को घेरा गया तो उन्होंने अपने हथियार उठा लिए
क्रोध में आकर उसने युद्ध भूमि में अनेक शत्रुओं को मार डाला, अनेकों के सिर काट डाले,
और कई लोगों को उनके बाल पकड़कर गिरा दिया गया
कुछ योद्धा कटकर पृथ्वी पर गिर पड़े और कुछ यह सब देखकर बिना लड़े ही मर गये।1195.
आठों राजाओं ने कहा, हे वीरों! भागो मत, अन्तिम सांस तक लड़ो।
जब तक हम जीवित हैं, कृष्ण से मत डरो
हम तुम्हें यादवों के राजा कृष्ण से भिड़ने और उनसे युद्ध करने का आदेश देते हैं।
तुममें से किसी के मन में युद्ध से बचने का विचार, तनिक भी नहीं आएगा, आगे बढ़ो और अंत तक लड़ो।���1196.
तब योद्धाओं ने अपने-अपने शस्त्र उठाकर युद्ध किया और कृष्ण को घेर लिया।
उन्होंने एक क्षण के लिए भी अपने कदम पीछे नहीं खींचे और बड़े क्रोध में हिंसक युद्ध छेड़ दिया
हाथों में तलवारें और गदाएं लेकर उन्होंने दुश्मन की सेना को टुकड़ों में तोड़ दिया।
कहीं उन्होंने योद्धाओं के सिर काटे तो कहीं उनकी छाती फाड़ दी।1197.
कृष्ण ने अपना धनुष हाथ में लेकर रथ पर सवार अनेक योद्धाओं को मार गिराया।
लेकिन फिर दुश्मनों ने अपने हथियार हाथ में ले लिए,
वे कृष्ण पर टूट पड़े, कृष्ण ने अपनी तलवार से उन्हें मार डाला और
इस प्रकार जो बच गये, वे युद्धभूमि में टिक न सके।1198.
दोहरा
कृष्ण द्वारा अच्छी तरह से मार खाने के बाद, राजाओं की बची हुई सारी सेना भाग गई
फिर सभी राजा अपने-अपने शस्त्र धारण करके युद्ध के लिए आगे बढ़े।1199.
स्वय्या
युद्ध से क्रोधित होकर सभी राजाओं ने हथियार उठा लिये।
वे राजा बड़े क्रोध से रणभूमि में अपने-अपने शस्त्र हाथ में लेकर श्रीकृष्ण के सामने आकर भयंकर प्रहार करने लगे॥
कृष्ण ने अपना धनुष उठाकर शत्रुओं के बाणों को रोककर उन्हें भूमि पर गिरा दिया।
शत्रुओं के प्रहारों से स्वयं को बचाते हुए कृष्ण ने अनेक विरोधियों के सिर काट डाले।1200.
दोहरा
श्री कृष्ण ने हथियार उठाया और अजब सिंह का सिर काट दिया
कृष्ण ने युद्ध भूमि में अपने शस्त्रों से अजायब सिंह का सिर काट दिया तथा अद्दार सिंह को घायल कर दिया।1201.
चौपाई
जब अदार सिघ बीमार पड़े,
जब अद्दार सिंह घायल हुआ तो वह बहुत क्रोधित हुआ।
उसके हाथ में एक बहुत तेज़ भाला था
उसने हाथ में एक भाला लिया और उसे कृष्ण की ओर चलाया।1202.
दोहरा
भाला आता देख श्रीकृष्ण ने धनुष-बाण हाथ में ले लिया।
भाले को आते देख कृष्ण ने अपना धनुष-बाण हाथ में लिया और अपने बाणों से भाले को अवरुद्ध कर दिया, उन्होंने उस योद्धा को भी मार डाला।1203.
इस स्थिति को देखते हुए भी अघर सिंह पीछे नहीं हटे।