पहले 'किंकणी' शब्द का उच्चारण करें, फिर अंत में 'रिपु' शब्द जोड़ें।
पहले ‘किंकणी’ कहकर फिर ‘रिपु’ शब्द बोलने से तुपक नाम बनते हैं।४६६।
पहले 'असुनी' (घुड़सवार सेना) बोलें और अंत में 'अरि' शब्द जोड़ें।
हे कुशल लोगों! प्रारम्भ में ‘अशिवनी’ शब्द कहकर और अन्त में ‘अरि’ शब्द जोड़कर तुपक के नामों को समझा जा सकता है।।४६७।।
पहले 'सुआसानि' (घुड़सवार सेना) शब्द बोलकर (फिर) 'रिपु अरि' शब्द का उच्चारण करें।
प्रारम्भ में ‘शावनि’ शब्द बोलकर अन्त में ‘रिपु अरि’ शब्द जोड़ने से तुपक नाम की मान्यता होती है।।४६८।।
पहले 'अधिनी' (राजा की सेना) शब्द बोलकर अंत में 'रिपु' शब्द जोड़ दें।
हे बुद्धिमान् पुरुषों! प्रारम्भ में ‘आधाणी’ शब्द बोलकर और उसके बाद ‘रिपु अरि’ शब्द जोड़कर तुपक नाम बनते हैं।।४६९।।
पहले 'प्रभुनि' (राजसेना) शब्द का उच्चारण करो, फिर अंत में 'रिपु' शब्द लगाओ।
हे बुद्धिमान् पुरुषों! प्रारम्भ में ‘प्रभुनि’ शब्द कहकर अन्त में ‘रिपु’ शब्द जोड़कर तुपक नाम बनते हैं।।४७०।।
प्रारम्भ में 'भूपाणी' (राजसेना) शब्द बोलकर अन्त में 'रिपु अरि' बोलें।
प्रारम्भ में ‘भूपाणि’ शब्द का उच्चारण करके तथा अन्त में ‘रिपु अरि’ जोड़कर तुपक नाम का सही ज्ञान होता है।471.
पहले 'इसानि' (भगवान की सेना) शब्द बोलें (फिर) 'रिपु अरि' शब्द जोड़ें।
प्रारम्भ में ‘ईशानी’ शब्द का उच्चारण करके फिर ‘रिपु अरि’ जोड़ने से तुपक नाम बनते हैं।।४७२।।
पहले 'सौन्दनि' (हाथी सेना) शब्द बोलकर, फिर 'रिपु अरि' का उच्चारण करें।
हे बुद्धिमान् लोगों! प्रारम्भ में ‘सौदानी’ शब्द का उच्चारण करके फिर ‘रिपु अरि’ जोड़कर तुपक का नाम सामने आता है।।४७३।।
पहले 'शत्रुनी' (शत्रु सेना) कहकर (फिर) अंत में 'रिपु अरि' कहो।
प्रारम्भ में ‘शत्रुणी’ शब्द का उच्चारण करके फिर ‘रिपु अरि’ जोड़ने से तुपक नाम बनते हैं।।४७४।।
छत्र के सभी नाम लें, फिर 'नि' बोलें और 'रिपु' शब्द जोड़ें।
सभी छत्रों का नामकरण करते हुए ‘नी’ शब्द का उच्चारण करके फिर ‘रिपुहि’ शब्द जोड़कर तुपक के नाम विकसित होते रहते हैं।475.
पहले 'छत्राणी' (छाता सेना) शब्द बोलें और अंत में 'रिपु अरि' शब्द जोड़ें।
प्रारम्भ में ‘छत्राणि’ शब्द कहकर और अन्त में ‘रिपु अरि’ जोड़कर बुद्धिमान् पुरुष तुपक के नामों को पहचानते हैं।।४७६।।
सबसे पहले 'आत्पत्राणि' (छत्रराज की सेना) पद का पाठ करें और अंत में 'रिपु अरि' का जाप करें।
प्रारम्भ में ‘पटराणि’ शब्द का उच्चारण करके और फिर ‘रिपुनि’ कहकर हे बुद्धिमान् पुरुषों! तुपक के नामों को पहचानो।।४७७।।
पहले 'पटकानि' (ध्वजाधारी सेना) बोलें (फिर) 'रिपु अरि' शब्द जोड़ें।
प्रारम्भ में ‘पटकनि’ शब्द कहकर फिर ‘रिपु अरि’ जोड़कर हे कुशल पुरुषों! तुपक के नामों को समझो।।४७८।।
पहले 'छित्पताधि' (राजा के अधीन सेना) शब्द का उच्चारण करो (फिर) अंत में 'रिपु अरि' शब्द का उच्चारण करो।
पहले ‘क्षितिपति’ शब्द का उच्चारण करके फिर अन्त में ‘रिपु अरि’ शब्द लगाने से तुपक नाम बनते हैं, जिन पर हे श्रेष्ठ कवियों! आप विचार करें।।४७९।।
पहले 'रौदनी' (धनुर्विद्या सेना) शब्द बोलकर (तत्पश्चात) अंत में 'रिपु अरि' का पाठ करें।
प्रारम्भ में ‘रावदान’ शब्द का उच्चारण करके अन्त में ‘रिपु अरि’ शब्द लगाने से तुपक नाम बनते हैं, जिन्हें हे बुद्धिमान् पुरुषों! तुम पहचान सकते हो।।४८०।।
पहले 'शस्त्राणि' (बख्तरबंद सेना) कहें और (बाद में) 'रिपु अरि' शब्द जोड़ें।
प्रारम्भ में ‘शास्त्रि’ शब्द बोलकर फिर ‘रिपु अरि’ जोड़ने से तुपक नाम बनते हैं।।४८१।।
पहले 'सिंधुराणी' (हाथी सेना) शब्द बोलकर (फिर) 'रिपु अरि' जोड़ें।
प्रारम्भ में ‘धातृणि’ शब्द बोलकर फिर ‘रिपु अरि’ जोड़कर हे कुशल पुरुषों! तुपक नाम बनते हैं।।४८२।।
पहले 'सुभटनी' (सेना) शब्द बोलें, फिर अंत में 'रिपु अरि' शब्द बोलें।
प्रारम्भ में ‘सुभट्नि’ शब्द कहकर अन्त में ‘रिपु अरि’ शब्द जोड़कर बुद्धिमान् पुरुष तुपक नामों को समझ सकते हैं।।४८३।।
पहले 'रथिनी' (रथों की सेना) शब्द का उच्चारण करें और फिर कहें 'मथनी मथन'।
प्रारम्भ में ‘रथनी’ शब्द बोलकर फिर ‘मथनी-मथन’ बोलने से तुपक नाम बनते हैं।484.
पहले 'स्यन्दनि' शब्द बोलें और फिर 'रिपु अरि' बोलें।
प्रारम्भ में ‘सिन्धुनि’ शब्द बोलकर फिर ‘रिपु अरि’ जोड़ने से तुपक नाम बनते हैं।।४८५।।
पहले 'सकटनी' (कठोर सेना) शब्द बोलें और अंत में 'रिपु अरि' बोलें।
प्रारम्भ में ‘शकटनी’ शब्द कहकर फिर ‘रिपु अरि’ जोड़कर हे बुद्धिमान् लोगों! तुम तुपक के नामों को समझो।।४८६।।
पहले 'शत्रुनी' (शत्रु की सेना) शब्द बोलें और अंत में 'रिपु अरि' शब्द बोलें।
प्रारम्भ में “शत्रुनि” शब्द बोलकर फिर “रिपु अरि” जोड़ने से तुपक नाम बनते हैं, जिन्हें अच्छे कवि सुधार सकते हैं।।४८७।।
पहले 'दुस्तानी' शब्द बोलो। फिर 'रिपु अरि' शब्द जोड़ो।
हे बुद्धिमान् पुरुषों! प्रारम्भ में ‘दुष्टानि’ शब्द कहकर अन्त में ‘रिपु अरि’ शब्द लगाने से तुपक नाम बनते हैं, जिन्हें तुम पहचान सकते हो।।४८८।।
पहले 'असु कवचनि' (घोड़ों पर कवचधारी सेना) बोलें और फिर अंत में 'रिपु अरि' शब्द जोड़ें।
प्रारम्भ में “अष्टकवचनी” शब्द बोलकर फिर “रिपु अरि” जोड़ने से तुपक नाम बनते हैं।।489।।