जाओ और राजा से हमारी ओर से यह कहो
'जाओ और राजा से कहो कि हम उनसे मिलने का सौभाग्य प्राप्त करना चाहते हैं।(4)
ये शब्द सुनकर राजा वहाँ आये।
ऐसा संदेश पाकर वे वहां चले आए, लेकिन जाते-जाते उन्होंने चार-चार व्यक्तियों के पद स्थापित कर दिए।
उनके हथियार देखने ले गए।
फिर उसने राजा से अपने हथियार दिखाने का अनुरोध किया और वह तुरंत सहमत हो गया।(5)
इस प्रकार उसने कवच हटा दिया
उसने ये सब दे दिया और फिर उनके लिए नये कपड़े मंगवाए।
उसके दोनों हाथ इस प्रकार लिये गये थे
उनकी आस्तीनें इस प्रकार तैयार की गई थीं कि बिना बांधे भुजाएँ हिलाई भी नहीं जा सकती थीं।(6)
एक भाट को रहस्य बताकर
उन्होंने एक कवि को प्रशिक्षित किया कि वह राजा के सामने ही कहे,
कि यदि आप मुझे सारे कवच दे दें
'यदि आप मुझे अपनी सारी भुजाएं दे देंगे, तभी मैं आपको परोपकारी व्यक्ति मानूंगा।'(7)
यह सुनकर राजा ने कवच दे दिया।
अनुरोध को स्वीकार करते हुए राजा ने अपने मंत्रियों की चेतावनी के बावजूद हथियार सौंप दिए;
जब राजा निहत्था हो गया
उन्होंने यह कल्पना की थी कि राजा अब अपने हथियारों का उपयोग नहीं कर सकेंगे, क्योंकि वह सफेद कपड़े पहनने जा रहे थे।(8)
दोहिरा
राजा ने वह गाउन पहन लिया, जिससे हाथ बाहर नहीं निकाले जा सकते थे।
वहां खड़े तीर खां ने उसके हाथ बांध दिए।(९)
चौपाई
(खान ने राजा से कहा) आप एक सुंदर शाही बेटे हैं,
(उसने कहा,) 'तुम राजकुमार हो, जल्दी आओ और वार करो।'
तो उस तुर्क ने क्रोध से हमला किया
(जब वह ऐसा न कर सका) तब तुर्क ने वार करके उसकी दोनों भुजाएँ काट दीं।(10)
दोहिरा
राजा अकेले थे, लेकिन तुर्क बड़ी संख्या में थे।
चुनौतियों के बाद सुन्दर राजा मारा गया।(11)
चौपाई
एक समुद्री घोड़े से एक घोड़ा पैदा हुआ था।
एक मानव जैसा घोड़ा था, जो अच्छी नस्ल का था, वह राजा के पास आया।
चरवाहे उसे वहाँ (महल में) ले गये।
उसने राजा का एक वस्त्र ले लिया और रानियों को सारी बात बता दी।(12)
दोहिरा
जब कूकम और घनसार दोनों रानियों ने यह सुना,
उन दोनों ने लड़ते हुए आत्महत्या करने का निर्णय लिया।(13)
'यदि हमारे पति शरीर पर लगी चोटों के कारण दम तोड़ चुके हैं,
'तब हम सब लोग पुरुष वेश में लड़ते हुए मरेंगे।'(14)
चौपाई
सभी ने इस योजना पर विचार किया।
इस तरह की योजना बनाने के बाद, वे सभी पुरुषों का भेष धारण कर लेते हैं,
कुंकम देई एक दिशा में चली गई
और एक तरफ से कूकम और दूसरी तरफ से घंसार पर हमला करने की योजना बनाई।(15)
दोहिरा
वे सभी योजना से सहमत हो गए और सभी ने पुरुषों के कपड़े पहन लिए।
एक ओर से कूकम शुरू हुआ तो दूसरी ओर से घनसार।(16)
चौपाई