जब राजा ने उसे दुलारना आरम्भ किया तो उसने उसे पकड़ लिया और नीचे गिरा दिया।(18)
राजा को बाहों से पकड़ लिया
उसे अपनी बाहों से पकड़कर, उसने उसके साथ यौन संबंध बनाए।
इसे तोड़ते ही राजा के शरीर (अर्थात गुदा) से रक्त बहने लगा।
उसने उसे लहूलुहान कर दिया और राजा को अपने आप पर बहुत शर्म महसूस हुई।(19)
दोहिरा
राजा ने अपने आपको बहुत अपमानित महसूस किया था,
और तब से उसने दूसरों की स्त्रियों का सद्गुण नष्ट करना छोड़ दिया।(20)(1)
शुभ चरित्र का 134वाँ दृष्टान्त - राजा और मंत्री का वार्तालाप, आशीर्वाद सहित पूर्ण। (134)(2670)
दोहिरा
शाह फरंग की एक बेटी थी, जो बेहद खूबसूरत थी।
तीनों क्षेत्रों में कोई भी उसकी बराबरी नहीं कर सकता था।(1)
चौपाई
अब्दुल नाम का एक महान मौलाना था।
अब्दुल नाम का एक मौलाना (मुस्लिम) पुजारी था, जो जहानाबाद शहर में रहता था।
जब वह बैठकर 'हजरती' (जिन्न भूत) को बुलाता था।
ध्यान करते समय वह शैतानों, राक्षसों और भूतों को बुलाते थे।(2)
दोहिरा
वह शैतानों, दानवों और भूतों से कहता था कि वे उसके करीब आएं।
और जो भी योजना वह बनाता था, उसे क्रियान्वित करवाता था।(3)
चौपाई
बहुत सी परियाँ उससे मिलने आती थीं।
बहुत से लोग उसके पास आते थे; कुछ उसके लिए गाते थे और कुछ नाचते थे।
भंट्ट विभिन्न प्रकार की मुद्राएं दिखाता था।
उन्होंने शोख़ी का प्रदर्शन किया, जिसकी दर्शकों ने प्रशंसा की।(4)
लाल परी ने कहा
एक बार लाल परी ने अपनी बात बताई और काली परी ने जवाब दिया।
काला कुरी नाम की एक बहुत खूबसूरत महिला है,
'काला कुँवर सुन्दर युवती है, मानो वह वैभव की खान है।(5)
दोहिरा
'उससे आकर्षण उधार लेकर ब्रह्मा ने अनेक सुंदरियां बनाई हैं।
'उसकी ओर शरीर और आत्मा दोनों से देखकर मैं तृप्त हो रहा हूँ।( 6)
चौपाई
उसकी सुन्दरता का वर्णन नहीं किया जा सकता।
'वह प्रशंसा से परे है और फूल लड़कियों की पसंदीदा प्रतीत होती है।
कौन कवि उसकी प्रतिभा की प्रशंसा कर सकता है।
'उसके गुणों का वर्णन कौन कर सकता है, क्योंकि वह हजारों सूर्यों का प्रतीक है?'(7)
मुल्ला ने सब कुछ अपने कानों से सुना
जब मौलाना ने ऐसी बातें सुनीं तो वे उन्मत्त हो गये।
(उसने) वहाँ एक देव भेजा
उसने उसके पास एक राक्षस भेजा और उसका बिस्तर उठवा दिया।(८)
वह सुन्दरता जीवित नहीं रही
वह असहाय थी और उसे मौलाना से प्रेम करना पड़ा।
जब रात बीत गई और सुबह हुई
जब रात बीत गई तो उसे नाव से वापस लाया गया।(९)
इस तरह मुल्ला उसे हर दिन बुलाता था।
इसी तरह वह हर रात उसे ले आता और फिर फरंग शाह को लौटा देता।
वह अपने दिल की इच्छानुसार खेलता था