सबसे पहले 'मधु सुदनानिनी' (जमना नदी वाली भूमि, कृष्ण की पत्नी जिन्होंने मधु राक्षस का वध किया था) शब्द का जाप करें।
(फिर) 'जा चार नायक' शब्द जोड़ें।
फिर 'शत्रु' शब्द बोलें।
पहले ‘मधुसूदननि’ शब्द बोलकर फिर ‘जाचार-नायक-शत्रु’ शब्द जोड़कर तुपक के सब नाम जान लो ।।८८४।।
अधिचोल
सबसे पहले 'मधु दुण्डनानी' (जमना नदी वाली भूमि, कृष्ण की पत्नी जिसने मधु राक्षस का वध किया था) का जाप करें।
फिर 'जा चार इन्द्र' जोड़ें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द बोलें।
पहले ‘मधुदुण्डनि’ शब्द बोलकर उसके बाद ‘जाचारशब्देन्द्र और शत्रु’ शब्द जोड़ दें और इस प्रकार मन में तुपक के नाम जानें।।८८५।।
सर्वप्रथम 'मधु नसननि' शब्द का मौखिक उच्चारण करें।
फिर 'जा चार एसुर' शब्द जोड़ें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द का उच्चारण करें।
‘मधुनाशिनी’ कहकर ‘जाचार, शब्देश्वर और शत्रु’ शब्द जोड़ें और इस प्रकार मन में तुपक के नाम जानें।।८८६।।
सबसे पहले 'काल जामुन अरिन्नी' शब्द का उच्चारण करें।
फिर 'जा चार नायक' शब्द जोड़ें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द बोलें।
सर्वप्रथम ‘कालयामुनरिणिं’ कहकर ‘जाचारनायकशत्रु’ शब्द बोलें तथा तुपक के सभी नामों का स्मरण करें।
सबसे पहले मुख से 'नरक अरिणि' (जमना नदी वाली भूमि, नरकासुर के शत्रु श्रीकृष्ण की पत्नी) का जाप करें।
फिर 'जा चार नायक' शब्द जोड़ें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द बोलें।
“नरक-अरि-निन” शब्द बोलकर “जाचार-नायक-शत्रु” शब्द जोड़ो और तुपक के सभी नाम जान लो ।।८८८।।
पहले 'कंस केसु कारखानानि' शब्द बोलें।
फिर 'जा चार नायक' वाक्यांश जोड़ें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द का उच्चारण करें।
पहले ‘कंस-केश-कर्षणी’ शब्दों का उच्चारण करके, उसके बाद ‘जाचार-नायक-शत्रु’ शब्दों को जोड़ दें और विचारपूर्वक तुपकों के नामों पर विचार करें।।८८९।।
पहले 'बसुदीवेसन्निनि' (जमना नदी वाली भूमि, बासुदेव के वंशज कृष्णा की पत्नी) (शब्द) बोलें।
फिर 'जा चार नायक' शब्द जोड़ें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द बोलें।
पहले ‘वासुदेवेष्णानि’ शब्द बोलकर उसके बाद ‘जाचार-नायक-शत्रु’ शब्द जोड़ दें और तुपक के सभी नाम जान लें।।८९०।।
सबसे पहले 'अनिक दुन्दभेष्णानि' (जमना नदी वाली भूमि, कृष्ण की पत्नी, बसुदेव का पुत्र और अनेक नगरों वाली भूमि) का जाप करें।
फिर 'जा चार नायक' शब्द जोड़ें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द बोलें।
सर्वप्रथम ‘अनिकदुन्दुभीष्णन्’ शब्द बोलकर अन्त में ‘जाचारनायकशत्रु’ शब्द जोड़ दें, तुपक के सभी नामों को मन्त्र के रूप में पहचान लें ।।८९१।।
सबसे पहले 'रस नर कस्निनी' (कृष्ण की पत्नी रस्सियों से बंधी हुई, भूमि जमना नदी से भरी हुई) शब्दों का जाप करें।
फिर 'जा चार नायक' शब्द जोड़ें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द का उच्चारण करें।
पहले ‘रमन रसिकिन्’ शब्द बोलकर फिर ‘जाचार-नायक-शत्रु’ शब्द बोलकर इस प्रकार तुपक के सभी नामों को मन में धारण करें।।८९२।।
सबसे पहले 'नारायणी' शब्द का उच्चारण करें।
फिर 'जा चार राज' शब्द जोड़ें।
इसके अंत में 'शत्रु' शब्द का उच्चारण करें।
पहले ‘नारायणिन’ शब्द बोलकर ‘जाचार-राज-शत्रु’ जोड़ दो और तुपक के सब नाम जान लो।।८९३।।
पहले शब्द 'बरल्याणनि'! मुँह से उच्चारण करें।
फिर 'जय चार नाथ' शब्द जोड़ें।
इसके बाद 'शत्रु' शब्द बोलें।
पहले ‘वराल्याणि’ शब्द कहकर ‘जाचार-नाथ-शत्रु’ शब्द बोलो और तुपक के सभी नामों को यथार्थ रूप से जानो ।।८९४।।
सर्वप्रथम 'निरलायनि' शब्द का उच्चारण करें।
फिर 'जा चार पति' शब्द जोड़ें।
इसके बाद 'शत्रु' शब्द का उच्चारण करें।