चंदन, कस्तूरी, कपूर और केसर को मिलाकर सुगंधित लेप तैयार किया जाता है, परन्तु सद्गुरु जी के चरण कमलों की सुगंध के आगे ऐसे लाखों लेप भी बेकार हैं।
संसार की सारी सुन्दरताएँ लक्ष्मी (विष्णु की पत्नी) में समाहित हैं, किन्तु भगवान के चरणों की सुन्दर प्रभा करोड़ों लक्ष्मीयों से भी अनेक गुना अधिक आनन्ददायक और सुखद है।
संसार की सारी सम्पत्ति मिलकर भी सर्वोच्च और अमूल्य सम्पत्ति बन जाती है। परन्तु अनेक गुना अधिक धन से प्राप्त होने वाली सारी शान्ति और सुख-सुविधाएँ, प्रभु के परमानंद से प्राप्त होने वाले सुख-सुविधाओं के बराबर भी नहीं हैं।
सच्चे गुरु के चरण कमलों की महिमा मनुष्य की समझ से परे है। समर्पित सिख लोग नाम सिमरन में लीन होकर निर्भय परमात्मा के चरण कमलों के रस का आनंद लेते हैं। (66)