जिस प्रकार आकाश में प्रायः काले बादल दिखाई देते हैं जो गरजते हैं, परन्तु वर्षा की एक बूँद भी गिराए बिना ही तितर-बितर हो जाते हैं।
जिस प्रकार बर्फ से ढका हुआ पर्वत बहुत कठोर और ठंडा होता है, उससे न तो कुछ खाने योग्य मिलता है और न ही बर्फ खाने से प्यास बुझती है।
जैसे ओस शरीर को गीला कर देती है, लेकिन उसे ज्यादा देर तक एक जगह पर नहीं रखा जा सकता, उसे स्टोर नहीं किया जा सकता।
इसी प्रकार माया के तीन गुणों में जीवन जीने वाले देवताओं की सेवा का फल भी मिलता है। उनका पुरस्कार भी धन के तीन गुणों से प्रभावित होता है। केवल सच्चे गुरु की सेवा ही नाम-बानी के अमृत के प्रवाह को हमेशा के लिए बनाए रखती है। (446)