जिस प्रकार एक स्वस्थ व्यक्ति अनेक प्रकार के व्यंजन और खाद्य पदार्थ खाता है, परन्तु एक बीमार व्यक्ति इनमें से कुछ भी खाना पसंद नहीं करता।
जिस प्रकार भैंस अपनी सहनशीलता के कारण बहुत धैर्यवान मानी जाती है, वहीं दूसरी ओर बकरी में उस धैर्य का एक अंश भी नहीं होता।
जैसे एक जौहरी हीरे और कीमती पत्थरों का व्यापार करता है, लेकिन कोई भी मूल्यवान हीरा किसी गरीब के पास नहीं रखा जा सकता, क्योंकि उसके पास इतनी महंगी वस्तु रखने की क्षमता नहीं होती।
इसी प्रकार जो भक्त भगवान की सेवा और स्मरण में लगा रहता है, उसे भगवान के लिए अर्पित नैवेद्य और प्रसाद खाने का अधिकार है, किन्तु जो गुरु की आज्ञा का पालन करने से विमुख है, उसे पूजा का प्रसाद नहीं मिल सकता।