तेल की बत्ती में क्या दृष्टि का प्रकाश मिल सकता है, पतंगा तो उसे देख भी नहीं पाता, क्योंकि उसकी लौ से वह मर जाता है। परन्तु सच्चे गुरु के दर्शन का चिन्तन गुरु के दास की दृष्टि को प्रकाशित कर देता है, जिससे वह संसार में घटित होने वाली सभी घटनाओं को देख पाता है।
कमल के फूल की खुशबू से एक काली मधुमक्खी मोहित हो जाती है। हालाँकि कमल का फूल उसे दूसरे फूलों पर जाने से नहीं रोक सकता। लेकिन सच्चे गुरु की शरण में आने वाला एक समर्पित सिख कहीं और नहीं जाता।
एक मछली पानी के प्रति अपने प्यार को अंत तक समझती है। लेकिन जब वह किसी चारे में फंस जाती है, तो पानी उसकी मदद नहीं करता और उसे बचा नहीं पाता। हालाँकि एक सिख जो हमेशा सच्चे गुरु के सुरक्षित सागर में तैरता रहता है, उसे हमेशा यहाँ और परलोक में गुरु द्वारा मदद मिलती है।
पतंगा, काली मधुमक्खी और मछली का प्रेम एकतरफा होता है। वे इस एकतरफा मोह को कभी नहीं छोड़ते और अपने प्रियतम के प्रेम में ही मर जाते हैं। लेकिन सच्चे गुरु का प्रेम जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति दिलाता है। कोई क्यों मुंह मोड़े