यदि हम अपने बुरे और अधर्मी कर्मों के कारण आपकी कृपा से विमुख हो गए हैं, तो हे प्रभु! आपने यह प्रकट कर दिया है कि आप पापियों को अपनी कृपा से आशीर्वाद देते हैं और उन्हें अच्छा और पवित्र बनाते हैं।
यदि हम अपने पूर्वजन्मों के पाप कर्मों के कारण दुःख भोग रहे हैं, तो हे प्रभु! आपने यह स्पष्ट कर दिया है कि आप दीन-दुखियों के दुःख दूर करते हैं।
यदि हम अपने बुरे कर्मों के कारण मृत्यु के फ़रिश्ते के चंगुल में फँसे हैं और नरक के जीवन के अधिकारी बन गए हैं, तो हे प्रभु! सारा संसार आपके गुण गा रहा है कि आप ही नरक की योनियों से सबको मुक्ति दिलाने वाले हैं।
हे दया के भण्डार! जो दूसरों का भला करता है, वह बदले में भला ही पाता है। परन्तु हम जैसे नीच और बुरे कर्म करने वालों का भला करना तो केवल आपको ही शोभा देता है। (केवल आप ही सभी के पापों और बुरे कर्मों को आशीर्वाद दे सकते हैं और क्षमा कर सकते हैं।) (504)