जिस प्रकार बांस चंदन के वृक्ष के पास रहने पर भी उसके गुणों को नहीं जान पाता, किन्तु अन्य वृक्ष उससे दूर रहने पर भी उसकी सुगंध को प्राप्त कर लेते हैं।
मेंढक कमल के फूल की अच्छाई को नहीं जानता, यद्यपि वह उसी तालाब में रहता है, लेकिन भौंरे इन फूलों में संग्रहीत रस के दीवाने होते हैं।
गंगा नदी के जल में रहने वाला बगुला उस जल का महत्व नहीं जानता, लेकिन कई लोग तीर्थयात्रा के लिए गंगा नदी पर आते हैं और गौरवान्वित महसूस करते हैं।
इसी प्रकार मैं सच्चे गुरु के पास रहते हुए भी उनकी शिक्षा के ज्ञान से वंचित हूँ, जबकि दूर-दूर से लोग सच्चे गुरु के पास आते हैं, उनसे उपदेश प्राप्त करते हैं और उसे अपने हृदय में धारण करते हैं। (639)