कबित सव्ये भाई गुरदास जी

पृष्ठ - 302


ਕਿੰਚਤ ਕਟਾਛ ਮਾਇਆ ਮੋਹੇ ਬ੍ਰਹਮੰਡ ਖੰਡ ਸਾਧਸੰਗ ਰੰਗ ਮੈ ਬਿਮੋਹਤ ਮਗਨ ਹੈ ।
किंचत कटाछ माइआ मोहे ब्रहमंड खंड साधसंग रंग मै बिमोहत मगन है ।

जिन प्रभु की एक दृष्टि मात्र से माया के लोकों और लोकों के करोड़ों लोग मोहित हो जाते हैं, वे भगवान सच्चे भगवद्प्रेमी ध्यानी लोगों की सभा के प्रेम से मोहित होकर उनमें लीन रहते हैं।

ਜਾ ਕੇ ਓਅੰਕਾਰ ਕੈ ਅਕਾਰ ਹੈ ਨਾਨਾ ਪ੍ਰਕਾਰ ਕੀਰਤਨ ਸਮੈ ਸਾਧਸੰਗ ਸੋ ਲਗਨ ਹੈ ।
जा के ओअंकार कै अकार है नाना प्रकार कीरतन समै साधसंग सो लगन है ।

जिन भगवान का विस्तार और रूप अवर्णनीय है, वे अपने स्तुति-गान के माध्यम से धर्मात्मा लोगों में लीन रहते हैं।

ਸਿਵ ਸਨਕਾਦਿ ਬ੍ਰਹਮਾਦਿ ਆਗਿਆਕਾਰੀ ਜਾ ਕੇ ਅਗ੍ਰਭਾਗ ਸਾਧ ਸੰਗ ਗੁਨਨੁ ਅਗਨ ਹੈ ।
सिव सनकादि ब्रहमादि आगिआकारी जा के अग्रभाग साध संग गुननु अगन है ।

तीनों देवों और ब्रह्मा के चारों पुत्रों की सेवा और आज्ञा पालन जिस भगवान के पास है, वह असंख्य गुणों वाला भगवान उन पवित्र और साधु पुरुषों की संगति में आज्ञाकारी रहता है, जो सदैव उसमें लीन रहते हैं।

ਅਗਮ ਅਪਾਰ ਸਾਧ ਮਹਿਮਾ ਅਪਾਰ ਬਿਖੈ ਅਤਿ ਲਿਵ ਲੀਨ ਜਲ ਮੀਨ ਅਭਗਨ ਹੈ ।੩੦੨।
अगम अपार साध महिमा अपार बिखै अति लिव लीन जल मीन अभगन है ।३०२।

उनके प्रेममय स्मरण में लीन मण्डली की प्रशंसा समझ से परे है। गुरु-प्रेमी भक्त उनके प्रति उसी प्रकार प्रेम में रहता है, जैसे जल में मछली रहती है। (302)