सोते हुए मनुष्य कहाँ पहुँचता है? भूख लगने पर वह कैसे खाता है? प्यास लगने पर वह कैसे तृप्त होती है? और पीया हुआ जल कहाँ शांति प्रदान करता है?
यह कैसे रोता है या हंसता है? फिर चिंता और उल्लास या उल्लास क्या है? भय क्या है और प्रेम क्या है? कायरता क्या है और किस हद तक भयानकता है?
हिचकी, डकार, कफ, जम्हाई, छींक, वायु का निकलना, शरीर खुजलाना तथा ऐसी ही अन्य अनेक बातें कहां और कैसे होती हैं?
काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार का स्वरूप क्या है? इसी प्रकार सत्य, संतोष, दया और धर्म की वास्तविकता को नहीं जाना जा सकता। (623)