जिस प्रकार यदि रोगी की बीमारी चिकित्सक को न बताई जाए तो वह हर गुजरते क्षण के साथ उपचार के बाहर होती जाती है।
जिस प्रकार उधार ली गई धनराशि पर ब्याज प्रतिदिन बढ़ता जाता है, यदि मूल राशि वापस नहीं की जाती तो समस्या और भी बड़ी हो जाती है।
जिस प्रकार शत्रु को चेतावनी दी जाती है, यदि समय रहते उसका समाधान नहीं किया जाता, तो वह दिन-प्रतिदिन शक्तिशाली होता जाता है, तथा एक दिन विद्रोह भी कर सकता है।
इसी प्रकार सद्गुरु से सत्य उपदेश प्राप्त किए बिना धन-ग्रस्त मनुष्य के मन में पाप निवास करता है। यदि उस पर नियंत्रण न किया जाए तो यह पाप और भी बढ़ जाता है। (633)