कौन सी काजल आँखों में लगाकर हम अपने प्रियतम भगवान को देख सकते हैं? कौन सी बालियाँ कानों में पहनकर हम उनकी ध्वनि सुन सकते हैं?
कौन सा पान चबाने से जीभ को अपने प्रिय भगवान की महिमा दोहराने में मदद मिलती है? उन्हें नमस्कार करने के लिए हाथों में कौन सी चूड़ियाँ पहननी चाहिए?
कौन सी पुष्पमाला उन्हें हृदय में बसा सकती है? कौन सी चोली पहनकर उन्हें हाथों से गले लगा सकती है?
कौन-सा वस्त्र और हीरा पहनकर उन्हें लुभाया जा सकता है? किस विधि से प्रियतम के मिलन का आनन्द लिया जा सकता है? सार यह है कि सभी अलंकरण व्यर्थ हैं। उनके प्रेम का आनन्द लेने से ही उनसे मिलन हो सकता है। (626)