कबित सव्ये भाई गुरदास जी

पृष्ठ - 637


ਜੈਸੇ ਪਾਕਸਾਲਾ ਬਾਲਾ ਬਿੰਜਨ ਅਨੇਕ ਰਚੈ ਛੁਅਤ ਅਪਾਵਨ ਛਿਨਕ ਛੋਤ ਲਾਗ ਹੈ ।
जैसे पाकसाला बाला बिंजन अनेक रचै छुअत अपावन छिनक छोत लाग है ।

जिस प्रकार एक महिला रसोईघर में अनेक व्यंजन बनाती है, किन्तु उसकी एक छोटी सी अपवित्रता भोजन को दूषित या गंदा कर देती है।

ਜੈਸੇ ਤਨ ਸਾਜਤ ਸਿੰਗਾਰ ਨਾਰਿ ਆਨੰਦ ਕੈ ਪੁਹਪਵੰਤੀ ਹ੍ਵੈ ਪ੍ਰਿਯਾ ਸਿਹਜਾ ਤਿਆਗ ਹੈ ।
जैसे तन साजत सिंगार नारि आनंद कै पुहपवंती ह्वै प्रिया सिहजा तिआग है ।

जिस प्रकार एक स्त्री अपने शरीर को सजाती है और पति के साथ सुखपूर्वक रहती है, किन्तु यदि उसका मासिक धर्म आने वाला हो तो पति उसके साथ बिस्तर साझा करने से परहेज करता है।

ਜੈਸੇ ਗ੍ਰਭਧਾਰ ਨਾਰਿ ਜਤਨ ਕਰਤ ਨਿਤ ਮਲ ਮੈ ਗਰਭ ਛੇਦ ਖੇਦ ਨਿਹਭਾਗ ਹੈ ।
जैसे ग्रभधार नारि जतन करत नित मल मै गरभ छेद खेद निहभाग है ।

जैसे एक स्त्री अपने गर्भ की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करती है, लेकिन यदि उसका मासिक धर्म पुनः शुरू हो जाए तो गर्भपात का भय बना रहता है। तब वह व्यथित महसूस करती है और अभागी कहलाती है।

ਤੈਸੇ ਸੀਲ ਸੰਜਮ ਜਨਮ ਪਰਜੰਤ ਕੀਜੈ ਤਨਕ ਹੀ ਪਾਪ ਕੀਏ ਤੂਲ ਮੈ ਬਜਾਗ ਹੈ ।੬੩੭।
तैसे सील संजम जनम परजंत कीजै तनक ही पाप कीए तूल मै बजाग है ।६३७।

इसी प्रकार मनुष्य को भी संयमित जीवन और कर्म में पवित्रता बनाए रखनी चाहिए। लेकिन यदि कोई छोटा-सा भी पाप हो जाए, तो वह कपास के गट्ठर में लगी भयंकर आग के समान है। (एक छोटा-सा गलत कार्य, अर्जित किए गए सारे पुण्य को नष्ट कर देता है।) (637)