जिस प्रकार जलते हुए दीपक का महत्व कोई नहीं समझता, किन्तु उसके बुझ जाने पर अंधकार में भटकना पड़ता है।
जैसे आंगन में लगे पेड़ की कोई कदर नहीं होती, लेकिन जब वह गिर जाता है या उखड़ जाता है तो उसकी छाया के लिए तरसते हैं।
जिस प्रकार राज्य में कानून और व्यवस्था के लागू होने से सर्वत्र शांति और समृद्धि सुनिश्चित होती है, किन्तु जब कानून और व्यवस्था के लागू होने में समझौता हो जाता है तो अराजकता फैल जाती है।
गुरु के सिखों के लिए भी संत सदगुरु से मिलने का यह अनूठा अवसर है। एक बार चूक जाने पर सभी पछताते हैं। (351)