जिस गुरु भक्त सिख को सच्चे गुरु के चरणों की पवित्र धूलि का आशीर्वाद प्राप्त होता है (जिसे सच्चे गुरु से नाम सिमरन का वरदान प्राप्त होता है), सारा ब्रह्माण्ड उसके चरणों की धूलि के लिए लालायित रहता है।
करोड़ों धन की देवियाँ, इन्द्र के स्वर्गीय उद्यान (कलाप-वरीक्ष) के वृक्ष, पारस पत्थर, अमृत, संकट निवारक शक्तियाँ और स्वर्गीय गायें (कामधेनु) ऐसे गुरु के सिख के स्पर्श की इच्छा रखती हैं।
करोड़ों देवता, मनुष्य, ऋषि, महायोगी, तीनों लोक, तीनों कालों, वेदों का अद्भुत ज्ञान तथा ऐसी अनेकों अनुमान ऐसे गुरु शिष्य की चरण-धूलि की याचना करते हैं।
ऐसे सच्चे गुरु के सिखों की अनेक संगतें हैं। मैं ऐसे सच्चे गुरु के चरणों में बार-बार नमन करता हूँ जो सुख-शांति देने वाले अमृत-तुल्य नाम के दाता हैं। (193)