जिस प्रकार एक दूसरे के बगल में रखे दो या अधिक दर्पणों में देखने पर एक से अधिक छवियाँ दिखाई देती हैं, उसी प्रकार दो नावों में पैर रखने से नदी पार नहीं की जा सकती।
जिस प्रकार एक ही समय में दोनों ओर से खींचने पर हाथ या पैर टूटने का खतरा रहता है, उसी प्रकार चौराहे पर सही रास्ते के चयन में अक्सर गलती हो जाती है।
जिस प्रकार यदि किसी नगर पर दो राजाओं का शासन हो तो वह अपनी प्रजा को शांति और आराम प्रदान नहीं कर सकता, उसी प्रकार दो पुरुषों से विवाहित स्त्री किसी भी परिवार के प्रति ईमानदार और वफादार नहीं हो सकती।
इसी प्रकार यदि गुरुभक्त सिख अपने व्यसन को शांत करने के लिए अन्य देवी-देवताओं की पूजा करता है, तो उसकी मुक्ति की तो बात ही क्या, वह मृत्यु के दूतों की भी सजा भोगता है। उसका जीवन संसार द्वारा धिक्कारा जाता है। (४६७)