कबित सव्ये भाई गुरदास जी

पृष्ठ - 561


ਜੈਸੇ ਕਿਰਤਾਸ ਗਰ ਜਾਤ ਜਲ ਬੂੰਦ ਪਰੀ ਘ੍ਰਿਤ ਸਨਬੰਧ ਜਲ ਮਧ ਸਾਵਧਾਨ ਹੈ ।
जैसे किरतास गर जात जल बूंद परी घ्रित सनबंध जल मध सावधान है ।

जैसे कागज पर पानी पड़ने से वह नष्ट हो जाता है, किन्तु चर्बी लगने पर वह पानी के प्रभाव को सहन कर लेता है।

ਜੈਸੇ ਕੋਟ ਭਾਰ ਤੂਲ ਤਨਕ ਚਿਨਗ ਜਰੈ ਤੇਲ ਮੇਲ ਦੀਪਕ ਮੈਂ ਬਾਤੀ ਬਿਦਮਾਨ ਹੈ ।
जैसे कोट भार तूल तनक चिनग जरै तेल मेल दीपक मैं बाती बिदमान है ।

जिस प्रकार आग की चिंगारी से कपास की लाखों गांठें नष्ट हो जाती हैं, किन्तु जब उन्हें तेल के साथ बाती के रूप में जोड़ा जाता है, तो वे प्रकाश देती हैं और अधिक समय तक जीवित रहती हैं।

ਜੈਸੇ ਲੋਹੋ ਬੂਡ ਜਾਤ ਸਲਲ ਮੈਂ ਡਾਰਤ ਹੀ ਕਾਸਟ ਪ੍ਰਸੰਗ ਗੰਗ ਸਾਗਰ ਨ ਮਾਨ ਹੈ ।
जैसे लोहो बूड जात सलल मैं डारत ही कासट प्रसंग गंग सागर न मान है ।

जैसे लोहा पानी में डालते ही डूब जाता है, परन्तु लकड़ी के साथ जुड़ जाने पर वह तैरने लगता है तथा गंगा या समुद्र के पानी की परवाह नहीं करता।

ਤੈਸੇ ਜਮ ਕਾਲ ਬ੍ਯਾਲ ਸਗਲ ਸੰਸਾਰ ਗ੍ਰਾਸੈ ਸਤਿਗੁਰ ਭੇਟਤ ਹੀ ਦਾਸਨ ਦਸਾਨ ਹੈ ।੫੬੧।
तैसे जम काल ब्याल सगल संसार ग्रासै सतिगुर भेटत ही दासन दसान है ।५६१।

इसी प्रकार मृत्युरूपी सर्प सबको निगल रहा है। परन्तु जब गुरु से नामरूपी अभिषेक प्राप्त हो जाता है, तब मृत्युरूपी फ़रिश्ता दासों का दास बन जाता है। (561)