जैसे अंधेरे में जलते हुए दीपक को देखकर अनेक पतंगे उसके चारों ओर ताने-बाने की तरह घूमने लगते हैं।
जिस प्रकार मिठाइयों को अतिक्रमणकारियों से बचाने के लिए सर्वोत्तम संभव तरीके से रखा जाता है, फिर भी लालच से मोहित चींटियाँ चारों ओर से उस तक पहुँच जाती हैं।
जैसे ही सुगंध से आकर्षित होकर भौंरों का एक झुंड कमल के फूलों पर आक्रमण करता है।
इसी प्रकार जो आज्ञाकारी सिख (गुरु द्वारा) स्वीकार कर लिया जाता है और जिसके मन में सच्चे गुरु के शब्द और ज्ञान, जो परम निधि है, बस जाते हैं, उस सिख के चरणों में सारा संसार झुकता है। (606)