कबित सव्ये भाई गुरदास जी

पृष्ठ - 256


ਮਧੁਰ ਬਚਨ ਸਮਸਰਿ ਨ ਪੁਜਸ ਮਧ ਕਰਕ ਸਬਦਿ ਸਰਿ ਬਿਖ ਨ ਬਿਖਮ ਹੈ ।
मधुर बचन समसरि न पुजस मध करक सबदि सरि बिख न बिखम है ।

शहद की मिठास मीठे शब्दों की मिठास से मेल नहीं खा सकती। कोई भी जहर कड़वे शब्दों से ज्यादा तकलीफदेह नहीं होता।

ਮਧੁਰ ਬਚਨ ਸੀਤਲਤਾ ਮਿਸਟਾਨ ਪਾਨ ਕਰਕ ਸਬਦ ਸਤਪਤ ਕਟੁ ਕਮ ਹੈ ।
मधुर बचन सीतलता मिसटान पान करक सबद सतपत कटु कम है ।

मीठे शब्द मन को उसी प्रकार शीतल करते हैं, जैसे शीतल पेय शरीर को शीतलता प्रदान करते हैं तथा गर्मी के दिनों में आराम प्रदान करते हैं, किन्तु अत्यधिक कड़वी बातें भी तीखे और कठोर शब्दों की तुलना में कुछ भी नहीं हैं।

ਮਧੁਰ ਬਚਨ ਕੈ ਤ੍ਰਿਪਤਿ ਅਉ ਸੰਤੋਖ ਸਾਂਤਿ ਕਰਕ ਸਬਦ ਅਸੰਤੋਖ ਦੋਖ ਸ੍ਰਮ ਹੈ ।
मधुर बचन कै त्रिपति अउ संतोख सांति करक सबद असंतोख दोख स्रम है ।

मीठे शब्द शांति, तृप्ति और संतोष प्रदान करते हैं जबकि कठोर शब्द बेचैनी, दुर्गुण और थकान पैदा करते हैं।

ਮਧੁਰ ਬਚਨ ਲਗਿ ਅਗਮ ਸੁਗਮ ਹੋਇ ਕਰਕ ਸਬਦ ਲਗਿ ਸੁਗਮ ਅਗਮ ਹੈ ।੨੫੬।
मधुर बचन लगि अगम सुगम होइ करक सबद लगि सुगम अगम है ।२५६।

मीठे शब्द कठिन कार्य को आसान बना देते हैं जबकि कठोर और कड़वे शब्द आसान कार्य को कठिन बना देते हैं। (256)