कबित सव्ये भाई गुरदास जी

पृष्ठ - 523


ਜੈਸੇ ਚੋਰ ਚਾਹੀਐ ਚੜਾਇਓ ਸੂਰੀ ਚਉਬਟਾ ਮੈ ਚੁਹਟੀ ਲਗਾਇ ਛਾਡੀਐ ਤਉ ਕਹਾ ਮਾਰ ਹੈ ।
जैसे चोर चाहीऐ चड़ाइओ सूरी चउबटा मै चुहटी लगाइ छाडीऐ तउ कहा मार है ।

जैसे एक चोर को क्रूस पर लटका दिया जाना चाहिए, लेकिन अगर उसे सिर्फ चिकोटी काटकर छोड़ दिया जाए, तो यह उसके लिए कोई सज़ा नहीं है,

ਖੋਟਸਾਰੀਓ ਨਿਕਾਰਿਓ ਚਾਹੀਐ ਨਗਰ ਹੂੰ ਸੈ ਤਾ ਕੀ ਓਰ ਮੋਰ ਮੁਖ ਬੈਠੇ ਕਹਾ ਆਰ ਹੈ ।
खोटसारीओ निकारिओ चाहीऐ नगर हूं सै ता की ओर मोर मुख बैठे कहा आर है ।

जैसे नकली सिक्के बनाने वाले को देश निकाला दे देना चाहिए। लेकिन अगर हम उससे मुंह फेर लें तो यह उसके लिए कोई सज़ा नहीं है।

ਮਹਾਂ ਬਜ੍ਰ ਭਾਰੁ ਡਾਰਿਓ ਚਾਹੀਐ ਜਉ ਹਾਥੀ ਪਰ ਤਾਹਿ ਸਿਰ ਛਾਰ ਕੇ ਉਡਾਏ ਕਹਾਂ ਭਾਰ ਹੈ ।
महां बज्र भारु डारिओ चाहीऐ जउ हाथी पर ताहि सिर छार के उडाए कहां भार है ।

जैसे हाथी पर चाहे कितना भी भारी बोझ क्यों न हो, यदि उस पर थोड़ी सी धूल डाल दी जाए तो वह बोझ नहीं रह जाता।

ਤੈਸੇ ਹੀ ਪਤਤਿ ਪਤਿ ਕੋਟ ਨ ਪਾਸੰਗ ਭਰਿ ਮੋਹਿ ਜਮਡੰਡ ਅਉ ਨਰਕ ਉਪਕਾਰ ਹੈ ।੫੨੩।
तैसे ही पतति पति कोट न पासंग भरि मोहि जमडंड अउ नरक उपकार है ।५२३।

इसी प्रकार मेरे लाखों पाप भी मेरे पापों के बराबर नहीं हैं, परन्तु मुझे नरक में निवास देकर दण्डित करना तथा मृत्यु के दूतों के हाथ में सौंपना मुझ पर दया करना है। (523)