जैसे सर्दी की रात होती है, वैसे ही आज की रात चाँद भी चमक रहा है। फूलों की खुशबूदार कलियाँ बिस्तर पर सजी हुई हैं।
एक ओर यौवन है तो दूसरी ओर अतुलनीय सौंदर्य है। इसी प्रकार एक ओर नाम सिमरन की शोभा है तो दूसरी ओर गुणों की प्रचुरता है।
एक ओर आकर्षक और चमकती हुई आंखें हैं, तो दूसरी ओर अमृत से भरे मीठे शब्द हैं। इस प्रकार इनके भीतर शब्दों से परे सौंदर्य विद्यमान है।
जिस प्रकार प्रियतम स्वामी प्रेम कला में निपुण होते हैं, उसी प्रकार प्रियतम साधक की विचित्र एवं आश्चर्यजनक काम-भावनाएँ एवं प्रेम भी निपुण होते हैं। (६५५)