कबित सव्ये भाई गुरदास जी

पृष्ठ - 228


ਨਾਇਕੁ ਹੈ ਏਕੁ ਅਰੁ ਨਾਇਕਾ ਅਸਟ ਤਾ ਕੈ ਏਕ ਏਕ ਨਾਇਕਾ ਕੇ ਪਾਂਚ ਪਾਂਚ ਪੂਤ ਹੈ ।
नाइकु है एकु अरु नाइका असट ता कै एक एक नाइका के पांच पांच पूत है ।

घर का मालिक एक ही है, उसकी आठ पत्नियाँ हैं और हर पत्नी के पाँच बेटे हैं।

ਏਕ ਏਕ ਪੂਤ ਗ੍ਰਿਹ ਚਾਰਿ ਚਾਰਿ ਨਾਤੀ ਏਕੈ ਏਕੈ ਨਾਤੀ ਦੋਇ ਪਤਨੀ ਪ੍ਰਸੂਤ ਹੈ ।
एक एक पूत ग्रिह चारि चारि नाती एकै एकै नाती दोइ पतनी प्रसूत है ।

हर बेटे के चार बेटे होते हैं। इस प्रकार मालिक के हर पोते की दो संतान पैदा करने वाली पत्नियाँ होती हैं।

ਤਾਹੂ ਤੇ ਅਨੇਕ ਪੁਨਿ ਏਕੈ ਏਕੈ ਪਾਂਚ ਪਾਂਚ ਤਾ ਤੇ ਚਾਰਿ ਚਾਰਿ ਸੁਤਿ ਸੰਤਤਿ ਸੰਭੂਤ ਹੈ ।
ताहू ते अनेक पुनि एकै एकै पांच पांच ता ते चारि चारि सुति संतति संभूत है ।

फिर उन पत्नियों से कई बच्चे पैदा हुए। हर एक ने पाँच बेटे पैदा किए और फिर चार और बेटे।

ਤਾ ਤੇ ਆਠ ਆਠ ਸੁਤਾ ਸੁਤਾ ਸੁਤਾ ਆਠ ਸੁਤ ਐਸੋ ਪਰਵਾਰੁ ਕੈਸੇ ਹੋਇ ਏਕ ਸੂਤ ਹੈ ।੨੨੮।
ता ते आठ आठ सुता सुता सुता आठ सुत ऐसो परवारु कैसे होइ एक सूत है ।२२८।

इनमें से प्रत्येक पुत्र से आठ बेटियाँ उत्पन्न हुईं और फिर प्रत्येक पुत्री से आठ बेटे उत्पन्न हुए। जिसका इतना बड़ा परिवार हो, उसे एक सूत्र में कैसे पिरोया जा सकता है। यह मन का फैलाव है। इसके विस्तार का कोई अंत नहीं है। इतने विशाल फैलाव वाला मन कैसे एक सूत्र में पिरोया जा सकता है?