कबित सव्ये भाई गुरदास जी

पृष्ठ - 141


ਛਬਿ ਕੈ ਅਨੇਕ ਛਬ ਸੋਭਾ ਕੈ ਅਨੇਕ ਸੋਭਾ ਜੋਤਿ ਕੈ ਅਨੇਕ ਜੋਤਿ ਨਮੋ ਨਮੋ ਨਮ ਹੈ ।
छबि कै अनेक छब सोभा कै अनेक सोभा जोति कै अनेक जोति नमो नमो नम है ।

अनेक सुन्दरताएँ और अनेक स्तुतियाँ सच्चे गुरु की दिव्य प्रभा की सुन्दरता और स्तुति को नमस्कार करती हैं।

ਉਸਤੁਤਿ ਉਪਮਾ ਮਹਾਤਮ ਮਹਿਮਾ ਅਨੇਕ ਏਕ ਤਿਲ ਕਥਾ ਅਤਿ ਅਗਮ ਅਗਮ ਹੈ ।
उसतुति उपमा महातम महिमा अनेक एक तिल कथा अति अगम अगम है ।

सच्चे गुरु की प्रशंसा एक तिल के बराबर है, जो अनेक प्रशंसाओं, उपमाओं और महिमाओं से परे है।

ਬੁਧਿ ਬਲ ਬਚਨ ਬਿਬੇਕ ਜਉ ਅਨੇਕ ਮਿਲੇ ਏਕ ਤਿਲ ਆਦਿ ਬਿਸਮਾਦਿ ਕੈ ਬਿਸਮ ਹੈ ।
बुधि बल बचन बिबेक जउ अनेक मिले एक तिल आदि बिसमादि कै बिसम है ।

यदि सारी बुद्धि, बल, वाणी की शक्ति और सांसारिक ज्ञान एक साथ मिल जाएं तो ये सब सच्चे गुरु की एक क्षणिक झलक पाकर आश्चर्यचकित हो जाएंगे।

ਏਕ ਤਿਲ ਕੈ ਅਨੇਕ ਭਾਂਤਿ ਨਿਹਕਾਂਤਿ ਭਈ ਅਬਿਗਤਿ ਗਤਿ ਗੁਰ ਪੂਰਨ ਬ੍ਰਹਮ ਹੈ ।੧੪੧।
एक तिल कै अनेक भांति निहकांति भई अबिगति गति गुर पूरन ब्रहम है ।१४१।

सच्चे गुरु के दिव्य प्रकाश की एक क्षणिक झलक के सामने सारी सुन्दरताएँ फीकी पड़ जाती हैं, फीकी पड़ जाती हैं। इसलिए सच्चे गुरु जैसे पूर्ण परमात्मा की महिमा समझ से परे है। (141)